बिहार: 'रोड नहीं तो वोट नहीं', जमुई में एक गांव के लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का फैसला किया
स्थानीय लोगों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' पोस्टर गांव के बाहर लगा दिया है. इसके साथ ही कहा है कि कोई भी राजनीति पार्टी वोट मांग कर शर्मिंदा न करें. एक शख्स ने बताया कि मानसून के दौरान यहां की स्थिति और भी खराब हो जाती है.

Lok Sabha Election 2019: 17वें लोकसभा चुनाव को लेकर देश का मूड चुनावी हो चुकी है. इस बीच बिहार के जमुई में एक गांव के लोगों ने चुनाव के बहिष्कार करने का एलान किया है. इसके पीछे की वजह वहां की बेकार सड़के हैं. जमुई लोकसभा क्षेत्र में आने वाले दाबिल गांव के लोगों का कहना है कि वो तब तक किसी भी चुनाव में वोट नहीं करेंगे जब तक उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क नहीं बन जाती. स्थानीय लोगों ने 'रोड नहीं तो वोड नहीं' पोस्टर गांव की सड़क के बाहर लगा दिया है.
गांव वालों ने कहा कि मानसून के दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है. भारत मंडल नाम के एक ग्रामीण ने कहा कि जब साल 2009 में भूदेव चौधरी यहां से सांसद बने तो हमें काफी उम्मीद थी. हमें लगा कि वो यहां विकास करेंगे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने आगे कहा कि साल 2014 में मोदी सरकार आई. चिराग पासवान सांसद बने. हम और ज्यादा आशावान हो गए लेकिन ये बेकार चला गया.
Bharat Mandal, local: We were hopeful in 2009. Bhudeo Choudhary became the MP & we had hoped he would do something about the development here. But he couldn't do anything. Then Modi ji came in 2014, Chirag Paswan became MP. We became even more hopeful. But it was a waste. #Bihar pic.twitter.com/yLYlDZvS3G
— ANI (@ANI) April 4, 2019

गांव में एक और पर्चे में लिखा देखा गया, ''कोई भी राजनीति पार्टी वोट मांगकर शर्मिंदा न करें. क्योंकि मुख्य मार्ग से हमारे गांव तक 21वीं सदी में पैदा हुए युवा आज तक कीचड़ एवं ऊबरखाबड़ मार्ग से गांव में प्रवेश कर रहे हैं.'' बता दें कि जमुई लोकसभा सीट के लिए इस बार एनडीए की तरफ से एलजेपी ने चिराग पासवान को यहां से उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन की तरफ से हम पार्टी ने भूदेव चौधरी को टिकट दिया है.
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Source: IOCL





















