Fact Check: 10 सेकंड सांस रोकने से कोरोना संक्रमण की हो जाएगी जांच? दावे की सच्चाई यहां है
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से रिकॉर्ड संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में 10 सेकंड सांस रोकने कोरोना संक्रमण से मुक्त होने का दावा किया जा रहा है. पीआईबी फैक्ट चेक ने मैसेज को फर्जी बताया है और इस तरह के दावों का खंडन किया है.

नई दिल्लीः देश में रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है. कोरोना की दूसरी लहर में फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है और मरीजों को सांस लेने में दिक्क्त होने से अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ रहा है. इस बीच, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में 10 सेकंड सांस रोकने से कोरोना संक्रमण से मुक्त होने का दावा किया जा रहा है.
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि यदि आप बिना किसी असुविधा के 10 सेकंड के लिए अपनी सांस रोक सकते हैं, तो आप कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हैं. इस मैसज में ए और बी दो पॉइंट बनाए गए हैं. इसमें दावा किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति पॉइंट ए औ बी के बीच में सांस रोक लेता है तो वह कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो सकता है. मैसेज में फेफड़ों का चित्र बनाकर पॉइंट ए औ बी को समझाया गया है और ए औ बी के बीच सांस रोकने और फिर छोड़ने के लिए बताया गया है.
सांस रोककर करोना संक्रमण मुक्त होने का दावा फर्जी
पीआईबी फैक्ट चेक ने इस वायरल मैसेज की सच्चाई सामने रखी है और ऐसे दावों का खंडन किया है. केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय के तहत पीआईबी फैक्ट चेक टीम ऐसे खबरों की सत्यता की जांच करती है. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस मैसेज को फेक बताया है और कहा कि मैसेज का यह दावा फर्जी है, सांस रोककर, ऑक्सीजन लेवल चेक करके कोविड-19 की जांच नहीं की जा सकती है. इसलिए लोगों को इस मैसेज के दावे पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
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Source: IOCL























