विवाद के बीच ताजमहल देखने जाएंगे योगी, ताज प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे
नई दिल्ली: ताजमहल विवाद के बीच उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को आगरा दौरे पर जा रहे हैं. आगरा में योगी ताज प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ताजमहल देखने भी जाएंगे. माना जा रहे है कि आगरा दौरे पर योगी ताज महल को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करने की कोशिश करेंगे.
ताज प्रोजेक्ट विश्वबैंक की सहायता से चलने वाली वे योजनाएं हैं जिससे ताजमहल के आस पास के इलाके का विकास हो सके. ताजमहल से लेकर आगरा किले तक दो किलोमीटर के रास्ते पर विकसित कॉरीडोर बनाने की बात की गयी थी. इस कॉरीडोर में शॉपिंग कॉमप्लेक्स, टूरिस्ट कॉमप्लेक्स, एम्यूजमेंट पार्क और रेस्त्रां बनाए जाने थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए आगरा आ रहे हैं.
ताजमहल को लेकर क्या विवाद है? ताजमहल को लेकर ताजा विवाद बीजेपी विधायक संगीत सोम के बयान के बाद शुरू हुआ है. संगीत सोम ने ताजमहल को “भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा” बताया है. उन्होंने कहा, ”हम किस इतिहास के बारे में बात कर रहे हैं? ताजमहल के निर्माता (शाहजहां) ने अपने पिता को कैद कर दिया था. वह हिंदुओं को समाप्त करना चाहता था. यदि ये लोग हमारे इतिहास का हिस्सा हैं, तो यह हमारे लिए बहुत दुख की बात है और हम इस इतिहास को बदल देंगे.” याद रहे कि शाहजहां ने नहीं, औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को कैद किया था.
संसद और राष्ट्रपति भवन गुलामी की निशानियां इन्हें भी गिरा दो: आजम खान संगीत सोम के बयान पर उनका नाम लिए बिना प्रतिक्रिया देते हुए आजम खान ने बीजेपी पर हमला बोला. आजम खान ने कहा, "मैं किसी को जवाब नहीं दे रहा हूं क्योंकि गोश्त के कारखाने चलाने वालों को राय देने का अधिकार नहीं है. इस पर मोदी और योगी जी फैसला करेंगे लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि उन सभी इमारतों को गिरा देना चाहिए जिनसे कल के शासकों की बू आती है.”
क्या लाल किले पर तिरंगा नहीं फहराएंगे मोदी? संगीत सोम के बयान का AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी विरोध किया है. ओवैसी ने कहा, ''ओवैसी ने कहा है कि लाल किला को भी गद्दार ने ही बनाया है तो क्या पीएम मोदी लाल किला पर तिरंगा नहीं फहराएंगे?''
बीजेपी ने निजी राय बता कर किया बचाव बीजेपी नेता जीवीएल नरसिंह राव ने सोमवार को यह कहते हुए संगीत सोम का बचाव किया कि नेता को अपनी राय देने का हक है. राव ने आगे कहा “भारतीय इतिहास को विकृत करने का प्रयास किया गया है यह स्मारक बर्बरता का प्रतीक है, जहां तक संगीत सोम का संबंध है, उनके पास बोलने की स्वतंत्रता है यह उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण है और प्रत्येक वक्तव्य पर पार्टी लाइन की आवश्यकता नहीं है.”
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