Women Reservation Bill: 2026 के बाद लागू होगा महिला आरक्षण बिल, मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताई वजह
Women Reservation Bill Passed: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि महिला विधेयक दुनिया के दूसरे लोकतांत्रिक देशों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा. इसका असर दूसरे लोकतांत्रिक देश में भी होगा.

Women Reservation Bill Implementation Update: नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल) संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में समर्थन में 454 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ सिर्फ दो ही वोट थे. वहीं राज्यसभा में सभी 214 सदस्यों ने बिल के समर्थन में वोटिंग की. अब पूरे देश में इस बात पर चर्चा है कि यह बिल कब से लागू हो सकता है. इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा कि 2026 के बाद इसे लागू किया जा सकता है.
एएनआई से विशेष बातचीत में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें जनगणना और परिसीमन (सेंसस और डीलिमिटेशन) की प्रमुख संबद्धता है. हमारे यहां 2026 तक जनगणना और परिसीमन फ्रीज है. एक संवैधानिक नियम के तहत यह स्थिति बनी हुई है. 2026 के बाद यह (जनगणना और परिसीमन) हो जाएगा और फिर इसका (महिला आरक्षण बिल) क्रियान्वयन होगा."
PM मोदी की डिसीजन मेकिंग क्षमता को सराहा
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरक्षण बिल को देश के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है. प्रधान ने कहा, "यह देश की उपलब्धि है और जो देश की उपलब्धि होती है वह स्वाभाविक रूप से सरकार की उपलब्धि होती है. सरकार का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. यह श्रेय लेने की बात नहीं है, बल्कि समाज की आवश्यकताओं को समझने की है. समाज की जरूरत को एक जिम्मेदार और संवेदनशील नेतृत्व ही समझ सकता है."
पहले से बिल के लिए प्रयास करने वालों का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा, "जिन लोगों ने भी महिला आरक्षण बिल के लिए पहले प्रयास किया था, उनकी चर्चा पिछले दो दिनों में सदन में हुई. सुषमा स्वराज जी के बारे में चर्चा हुई. गीता मुखर्जी, वृंदा करात, मीरा कुमार जी के बारे में चर्चा हुई. सुमित्रा महाजन, गिरिजा व्यास का नाम लिया गया. ये सब लोग लगे हुए थे और बिल को यहां तक पहुंचाया है.'
'21वीं सदी में दुनिया के अंदर एक मील का पत्थर'
महिला आरक्षण बिल के लिए संविधान में किए गए संशोधन का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा, "विषय निर्णय लेने का है और मैं इसको देश की उपलब्धि कहता हूं. देश ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में 128वां संविधान संशोधन किया. यह 21वीं सदी में दुनिया के अंदर एक मील का पत्थर बनेगा."
उन्होंने कहा कि भारत मातृशक्ति केंद्रित मदर ऑफ डेमोक्रेसी है. निश्चित तौर पर इस बिल का प्रभाव न केवल भारत पर बल्कि दुनिया भर के जिन देशों में भी लोकतंत्र है, उन पर पड़ेगा.
महिला आरक्षण बिल से क्या होगा फायदा
लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई यानी 33 फीसदी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास करवाया गया है. अब इसे हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया गया है. इसके प्रावधान के मुताबिक, जनगणना और परिसीमन के बाद ही यह बिल लागू हो पाएगा. तब लोकसभा में मौजूद सीटों पर 33 फीसदी महिलाएं चुनकर आएंगी. इसी तरह से राज्यों की विधानसभाओं में भी महिला सदस्यों की संख्या एक तिहाई होगी.
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Source: IOCL





















