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लोकसभा चुनाव परिणाम 2024

UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
12
BJP
01
INC
BIHAR (40)
30
NDA
09
INDIA
01
OTH
TAMIL NADU (39)
39
DMK+
00
AIADMK+
00
BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
00
OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
BJP
00
INDIA
00
OTH
RAJASTHAN (25)
14
BJP
11
INDIA
00
OTH
DELHI (07)
07
NDA
00
INDIA
00
OTH
HARYANA (10)
05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
01
INDIA
00
OTH
(Source: ECI / CVoter)

कौन होगा प्रधानमंत्री पद का चेहरा, कैसे लिखी गई विपक्षी एकता की स्क्रिप्ट; 26 दलों के साथ आने की पूरी कहानी

विपक्षी एकता की स्क्रिप्ट लगभग 2 फेज में तैयार हुई. इसे तैयार करने में कुछ नेताओं ने पर्दे के पीछे से भूमिका निभाई तो कुछ सीधे सामने आकर. आइए जानते हैं, विपक्षी गठबंधन में कैसे साथ आए 26 दल.

विपक्षी दलों की गठबंधन India की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त को होने वाली है. माना जा रहा है कि इसमें इस गठबंधन के संयोजक के पद पर कौन होगा, इसका फैसला हो सकता है. इंडिया गठबंधन की पहले बैठक पटना और दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई थी.  मिली जानकारी के मुताबिक 31 अगस्त को सभी नेताओं के  लिए डिनर का आयोजन किया गया है. 1 सितंबर को औपचारिक बैठक होगी और इसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रखी गई है.

इससे पहले बेंगलुरु में कांग्रेस समेत 26 दलों मीटिंग के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि उन्होंने गठबंधन का नाम रख लिया है. अब इस मोर्चे को भारतीय राष्ट्रीय विकास समन्वय गठबंधन (INDIA) नाम से जाना जाएगा. 

खरगे ने कहा कि गठबंधन का एक्शन प्लान तैयार होगा. हम 11 सदस्यों की एक कमेटी बनाएंगे, जो समन्वय का काम करेगी. कमेटी में एक चेयरमैन, एक संयोजक और 9 सदस्य शामिल होंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस गठबंधन की अगुवाई वाले गठबंधन को इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (UPA) के नाम से जाना जाता था. इस गठबंधन ने डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में 10 साल शासन किया है.

खरगे के मुताबिक समन्वय समिति ही सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करेगी. टिकट बंटवारे में भी इस कमेटी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. सारे विवाद सुलझाने का जिम्मा भी कमेटी के ही ऊपर होगा.

बीजेपी के खिलाफ विपक्षी मोर्चे की कवायद पटना की धरती से 1 अगस्त को शुरू हुई थी. 31 अगस्त को पहली बार गठबंधन के लिए नीतीश कुमार किसी बाहरी नेता से मिले थे. इसके बाद नीतीश ने मिशन की शुरुआत की. 

कैसे लिखी गई विपक्षी एका की स्क्रिप्ट?
विपक्षी एकता की स्क्रिप्ट लगभग 2 फेज में तैयार हुई. इसे तैयार करने में कुछ नेताओं ने पर्दे के पीछे से भूमिका निभाई तो कुछ सीधे सामने आकर. 

फेज-1: लालू संग मिलकर नीतीश ने तैयार किया बेसिक स्ट्रक्चर
जुलाई 2022 में राष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया. नीतीश कुमार पटना राजभवन से इस्तीफा देकर सीधे लालू यादव के घर पहुंचे. वहां पर पहले से आरजेडी, कांग्रेस और माले के विधायक थे. 

नीतीश ने इसी मीटिंग में विपक्षी एकता बनाकर पूरे देश और बिहार से बीजेपी को सत्ता से हटाने की बात कही. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार लालू यादव से मिले, जहां पर देश में विपक्षी एकता बनाने की स्क्रिप्ट तैयार हुई.

इसी बीच नीतीश को ओम प्रकाश चौटाला, सीताराम येचुरी और के चंद्रशेखर राव का फोन आया.  31 अगस्त को राव पटना आकर नीतीश कुमार से मिले. राव ने पहले से ही विपक्षी एकता की मुहिम छेड़ रखी थी और नीतीश पहले ही कई नेताओं से मिल चुके थे.  

राव से मुलाकात के बाद नीतीश 5 सितंबर को दिल्ली दौरे पर निकले. उन्होंने दिल्ली में सीपीएम के सीताराम येचुरी, अरविंद केजरीवाल, एचडी कुमारस्वामी और शरद पवार से मुलाकात की. शुरुआत में नीतीश 15 दलों को साधकर 500 सीटों पर बीजेपी से सीधा मुकाबला की रणनीति तैयार कर रहे थे. 

लेकिन कांग्रेस ने नीतीश के मिशन को भाव नहीं दिया. इसकी 2 वजहें थी. पहली कांग्रेस ने नया अध्यक्ष चुना था और दूसरी नीतीश 2015 में भी इस तरह का प्रयोग कर चुके थे. 

हालांकि, लालू यादव और नीतीश कुमार से सोनिया गांधी मिलने को तैयार हो गईं, लेकिन इस मुलाकात की कोई भी तस्वीर मीडिया में नहीं आई, जिसके बाद इस मिशन के फ्लॉप की अटकलें भी लगने लगीं.

पहले 'आई लव यू' कौन बोले पर फंसा पेंच
अक्टूबर में मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए, लेकिन इस मुहिम को गति नहीं मिली. इसके बाद फरवरी में माले के साथ मीटिंग में नीतीश कुमार ने मंच से ही कांग्रेस के सलमान खुर्शीद को इस पर पहल करने की बात कही.

खुर्शीद ने नीतीश का मैसेज हाईकमान को पहुंचाने की बात कही. खुर्शीद ने यह भी कहा कि वो चाह रहे हैं विपक्षी मोर्चा बने, लेकिन पेंच ये है कि पहले 'आई लव यू' कौन बोले इस पर फंसा है. हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार को मुलाकात का आमंत्रण भेजा. 

फेज- 2: कांग्रेस ने काट दिया 3 दलों का पत्ता 
जेडीयू सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के सामने नीतीश कुमार ने गठबंधन का पूरा खाका रखा. कांग्रेस ने तेलंगाना, हरियाणा और कर्नाटक में अकेले चुनाव लड़ने की बात कही. 

कांग्रेस के इस स्टैंड के बाद नीतीश कुमार ने के. चंद्रशेखर राव, एचडी कुमारस्वामी और ओम प्रकाश चौटाला से दूरी बना ली. कांग्रेस ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में गठबंधन करने की बात कही. 

दोनों पक्षों में सहमति बन जाने के बाद राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से आगे बढ़ने के लिए कहा. इसी मीटिंग में कांग्रेस ने 'त्याग' की बात भी कही. राहुल से आश्वासन मिलने के बाद नीतीश अपने अभियान पर निकले.

कैसे जुटे 26 दल, 2 प्वॉइंट्स...
1. सबसे पहले गठबंधन वाले राज्यों में सामान विचारधारा वाले दलों से संपर्क साधा गया. उन पार्टियों से बात शुरू की गई जो पहले कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार में रह चुकी हैं. इनमें सीपीएम, सपा, तृणमूल और पीडीपी जैसी पार्टियां प्रमुख हैं.

नीतीश कुमार सभी नेताओं से मिलने के बाद मई में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले. इस मुलाकात में विपक्षी एकता के शक्ति प्रदर्शन पर बात हुई जिसके बाद नीतीश कुमार पटना लौट आए. जून में 18 दलों को नीतीश कुमार और लालू यादव की ओर से आमंत्रण भेजा गया.

पटना में मीटिंग का तर्क ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने दिया. दोनों नेताओं का कहना था कि दिल्ली में जो मीटिंग होती है, वो अपने मिशन तक नहीं पहुंच पाती है. पटना जेपी आंदोलन की भूमि है और वहां से लोकतंत्र बचाने का संदेश दिया जाएगा.

2. पटना की मीटिंग में अगली बैठक शिमला में करने का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन मौसम की वजह से इसे बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया. बेंगलुरु की मीटिंग से पहले कांग्रेस ने अपने कोटे से 8 दलों को जोड़ दिया. इनमें अधिकांश दल केरल और तमिलनाडु के हैं.

जानकारों का कहना है कि स्थानीय राजनीति को देखते हुए कांग्रेस इन दलों को साथ जोड़ा है. केरल में लेफ्ट सत्ता में है, जबकि तमिलनाडु में डीएमके. कांग्रेस दोनों जगहों पर छोटी पार्टियों को जोड़कर अधिक सीट पाने की कोशिश कर रही है.

विपक्षी मोर्चे में नीतीश अगुवा, क्या काम मिल सकता है?
नीतीश कुमार की सलाह पर ही विपक्षी मोर्चे की अगली मीटिंग मुंबई में रखी गई है. महाराष्ट्र की सियासत में पिछले साल से ही उथल-पुथल मची हुई है. शिवसेना के बाद हाल ही में एनसीपी में टूट गई है. विपक्षी पार्टियां वहां मीटिंग कर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने के फिराक में है.

विपक्षी मोर्चे में सपा, तृणमूल जैसे दलों को जोड़ने में नीतीश कुमार का रोल अहम है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को विपक्षी मोर्चे में संयोजक का पद मिल सकता है. बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि मुंबई की बैठक में नाम तय हो जाएगा. 

यानी नीतीश के नाम की घोषणा अब मुंबई की बैठक में हो सकती है. प्रधानमंत्री पद को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश कुमार ने चुनाव बाद इसे तय करने की बात कही है. कांग्रेस ने पीएम पद से अपना दावा वापस ले लिया है.

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