एक्सप्लोरर

जब मुशर्रफ ने वाजपेयी से कहा- आप प्रधानमंत्री होते तो नजारा कुछ और होता

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व, उनकी कार्यशैली के कायल केवल उनकी पार्टी के लोग, करीबी सहयोगी ही नहीं थे बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं के साथ साथ विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी उनसे अभिभूत थे.

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व, उनकी कार्यशैली के कायल केवल उनकी पार्टी के लोग, करीबी सहयोगी ही नहीं थे बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं के साथ साथ विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी उनसे अभिभूत थे. यह कहना है वाजपेयी के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय में विशेष कार्यस्थ अधिकारी रहे राजकुमार शर्मा का जिन्होंने ‘‘साहित्य अमृत’’ पत्रिका के अटल स्मृति अंक में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से जुड़ी घटना का उल्लेख किया है. मुशर्रफ वाजपेयी से बहुत प्रभावित थे.

शर्मा ने अपने लेख में स्मृतियों को ताजा करते हुए कहा है कि अप्रैल 2005 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ भारत आए थे. वे वाजपेयी से मिलना चाहते थे परंतु तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार टालमटोल कर रही थी. उन्होंने लिखा कि कशमकश जारी थी लेकिन मुशर्रफ ने वाजपेयी से मिलने की ठान ली थी. अंतत: 18 अप्रैल 2005 को यह मुलाकात हुई. मुशर्रफ ने स्वदेश वापसी के लिये पालम हवाई अड्डा जाते समय अपना काफिला 6, कृष्ण मेनन मार्ग पर रूकवाया.

शर्मा ने लिखा है ‘‘ वे :मुशर्रफ: अटल बिहारी वाजपेयी से मिले और कहा, ‘‘ सर, यदि आप प्रधानमंत्री होते तो आज नजारा कुछ और होता. ’’ उन्होंने आगे लिखा कि अटलजी ने अपनी चिर परिचित शैली और मुस्कान से साथ मुशर्रफ को शुभकामनाएं दीं.

साहित्य अमृत पत्रिका ने ‘अटल स्मृति’ विशेषांक प्रकाशित किया है. इसमें अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी सहयोगियों, उनके साथ काम करने वाले साठ से अधिक लोगों ने लेख लिखे हैं और अनुभव साझा किये हैं. इनमें उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अमित शाह, सुषमा स्वराज आदि शामिल हैं.

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक ‘सदैव अटल’ आज उनके 94वें जन्मदिवस के अवसर पर को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया. बहरहाल, शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए लिखा कि वाजपेयी को व्यक्तियों की खासी परख थी. अनेक नेताओं के बारे में उनकी टिप्पणियां सटीक बैठती थीं. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर धारणा चाहे जो हो, मगर वाजपेयी उनके काम करने की शैली, उनकी मेहनत, शासन में नए नए प्रयोग की तारीफ करते थे. वाजपेयी ने उनके बारे में भी कभी कोई हल्की बात नहीं की जिनसे उनके मतभेद रहे.

वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में उनके मीडिया सलाहकार रहे अशोक कुमार टंडन ने अपने लेख में कहा है ‘‘अटलजी जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तब उनके कार्यालय में काम करने का अवसर मिला. अटलजी से परिचय पुराना था लेकिन निकट से काम करने का यह पहला अवसर था.’’

उन्होंने कहा कि आपसी बातचीत में नपे तुले अंदाज में कम से कम शब्दों में किंतु प्रभावशाली शैली में अपना मंतव्य स्पष्ट करना अटलजी के व्यक्तित्व की अनूठी पहचान थी. अपने सहयोगी हों, या बैठक में भाग ले रहे अधिकारी या अतिथि. सभी को अपनी बात कहने का पूरा अवसर देना उनके स्वभाव का हिस्सा था. अधिकतर विपक्षी नेताओं के साथ उनके व्यक्तिगत मधुर संबंध थे.

टंडन ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत बनाने की पहल में उनके इन शब्दों को कौन भूल सकता है कि ‘‘ हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं.’’ आईएएस अधिकारी एवं वाजपेयी के तहत काम करने वाले शक्ति सिन्हा ने अपने लेख में कहा कि यह चर्चा इस कहानी के बिना पूरी नहीं हो सकती कि वाजपेयी के व्यक्तित्व का भारत के लोकतांत्रिक और सामाजिक ढांचे को शक्तिशाली बनाने में कितना प्रभाव है.

टंडन ने लिखा, ‘‘देवेगौड़ा सरकार के कार्यकाल के दौरान, तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने सुखोई करार सफलतापूर्वक होने पर जब लोकसभा में बयान दिया तब वाजपेयी ने खड़े हो कर करार की प्रशंसा कर उदाहरण पेश किया.’’

सिन्हा ने लिखा कि मंत्री समेत अन्य सभी लोगों को आश्चर्य में डालने वाले उनके तरीके ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि सच्चे लोकतंत्र में कुछ चीजें दलगत राजनीति से ऊपर होती हैं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maharashtra: 13 साल बाद एक बार फिर सरप्राइज एंट्री! उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री पहुंचे राज ठाकरे
महाराष्ट्र: 13 साल बाद एक बार फिर सरप्राइज एंट्री! उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री पहुंचे राज ठाकरे
भारत के साथ फ्री ट्रेड डील करना चाहता है मुस्लिम देश मालदीव, आखिर क्यों चीन को झटका देना चाहते हैं मोहम्मद मुइज्जु?
भारत के साथ फ्री ट्रेड डील करना चाहता है मुस्लिम देश मालदीव, आखिर क्यों चीन को झटका देना चाहते हैं मोहम्मद मुइज्जु?
WI vs AUS 4th T20: क्रिस गेल का रिकॉर्ड टूटा, रोवमैन पॉवेल ने T20I क्रिकेट में बनाया ये कीर्तिमान
क्रिस गेल का रिकॉर्ड टूटा, रोवमैन पॉवेल ने T20I क्रिकेट में बनाया ये कीर्तिमान
जेनिफर विंगेट का स्पेशल कैमियो? क्या 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में होगी उनकी खास एंट्री?
जेनिफर विंगेट की होगी क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में एंट्री?
Advertisement

वीडियोज

सड़कों पर पानी...घरों में कैद लोग, बारिश बनी आफत
Ahmedabad Waterlogging: आफत का सैलाब, जनजीवन अस्त व्यस्त, IMD का अलर्ट!
Noida BMW Accident: नोएडा में BMW का कहर, 5 साल की बच्ची की मौत, 2 गिरफ्तार!
मनसा देवी मंदिर में कैसे मची भगदड़? सामने आई बड़ी वजह
Mansa Devi Temple Stampede: हादसे में घायल लोगों से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे CM Dhami | Haridwar
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maharashtra: 13 साल बाद एक बार फिर सरप्राइज एंट्री! उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री पहुंचे राज ठाकरे
महाराष्ट्र: 13 साल बाद एक बार फिर सरप्राइज एंट्री! उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री पहुंचे राज ठाकरे
भारत के साथ फ्री ट्रेड डील करना चाहता है मुस्लिम देश मालदीव, आखिर क्यों चीन को झटका देना चाहते हैं मोहम्मद मुइज्जु?
भारत के साथ फ्री ट्रेड डील करना चाहता है मुस्लिम देश मालदीव, आखिर क्यों चीन को झटका देना चाहते हैं मोहम्मद मुइज्जु?
WI vs AUS 4th T20: क्रिस गेल का रिकॉर्ड टूटा, रोवमैन पॉवेल ने T20I क्रिकेट में बनाया ये कीर्तिमान
क्रिस गेल का रिकॉर्ड टूटा, रोवमैन पॉवेल ने T20I क्रिकेट में बनाया ये कीर्तिमान
जेनिफर विंगेट का स्पेशल कैमियो? क्या 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में होगी उनकी खास एंट्री?
जेनिफर विंगेट की होगी क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में एंट्री?
21 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ान, 235 KM/घंटा की स्पीड... इंडियन आर्मी के बेड़े में शामिल होंगे 126 LUH, पाकिस्तान-चीन के उड़ जाएंगे होश
21 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ान, 235 KM/घंटा की स्पीड... इंडियन आर्मी के बेड़े में शामिल होंगे 126 LUH, पाकिस्तान-चीन के उड़ जाएंगे होश
Bihar News: नवादा के मंदिरों में तोड़फोड़, मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने से इलाके में तनाव, प्रशासन ने संभाला मोर्चा
नवादा के मंदिरों में तोड़फोड़, मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने से इलाके में तनाव, प्रशासन ने संभाला मोर्चा
महाकुंभ, जगन्नाथ रथ यात्रा और RCB विक्ट्री परेड... मनसा देवी से पहले इन जगहों पर भी मच चुकी है भगदड़
महाकुंभ, जगन्नाथ रथ यात्रा और RCB विक्ट्री परेड... मनसा देवी से पहले इन जगहों पर भी मच चुकी है भगदड़
कैसे बढ़ते हैं हमारे नाखून, आगे से या पीछे से? जानें कैसे चलता है यह पूरा प्रोसेस
कैसे बढ़ते हैं हमारे नाखून, आगे से या पीछे से? जानें कैसे चलता है यह पूरा प्रोसेस
Embed widget