West Bengal News: बंगाल में कंकाल कांड! दिवंगत CPM नेता के घर की खुदाई में बरामद हुईं खोपड़ी और हड्डी
Ashoknagar News: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के अशोकनगर से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां दिवंगत CPM नेता बिजन मुखर्जी के घर के फर्श की खुदाई के दौरान खोपड़ी और कंकाल बरामद हुआ है.

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के अशोकनगर से एक ऐसी चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया है. दिवंगत CPM नेता बिजन मुखर्जी के घर के फर्श के नीचे खुदाई के दौरान खोपड़ी और कंकाल बरामद हुआ. यह घर उनकी बेटी को पैतृक संपत्ति के रूप में मिला. यह घटना स्वाभाविक रूप से 14 साल पहले की घटना की याद दिलाती है. 2011 में गढ़बेता में कंकाल बरामदगी की घटना से तुलना कर रही है, जहां तत्कालीन CPM विधायक और मंत्री सुशांत घोष का नाम जुड़ा था.
कंकाल कैसे आया, कहां से आया?
CPM नेता बिजन मुखर्जी के पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाने का काम चल रहा था. उस समय दो खोपड़ी और हड्डियां मिलीं. कंकाल बरामदगी की घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. फर्श की खुदाई करते ही खोपड़ी निकली और साथ में हड्डियां भी दिखाई दी. कंकाल कैसे आया, कहां से आया, ये किसके कंकाल हैं, अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
खोपड़ी और हड्डियों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा
बिजन मुखर्जी वामपंथी शासन के दौरान एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते थे. वह अशोकनगर सीपीएम की क्षेत्रीय समिति के सदस्य भी थे. 2013 में उनका निधन हो गया. उनके पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाने का काम चल रहा था. उस काम के दौरान कंकाल बरामद हुआ, लेकिन ये कंकाल किसके हैं? सीपीएम नेता के घर के फर्श के नीचे कैसे आया? कंकाल बरामदगी की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी फैल गई. हावड़ा के एसडीपीओ और अशोकनगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बरामद दो खोपड़ी और हड्डियों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
14 साल पहले भी हुई थी ऐसी घटना
यह घटना 14 साल पहले गढ़बेता में कंकाल बरामदगी की घटना को उजागर करती है. यह 2002 का साल था. केशपुर में सात तृणमूल कार्यकर्ताओं को अगवा कर उनकी हत्या करने का आरोप तत्कालीन सत्तारूढ़ दल सीपीएम पर लगा था. उस घटना में शुरू से ही गढ़बेता के तत्कालीन सीपीएम विधायक और मंत्री सुशांत घोष पर उंगली उठाई गई थी. बाद में 2011 में, गढ़बेता के दासबन्ध क्षेत्र में खुदाई करके 7 मानव कंकाल बरामद किए गए.
डीएनए परीक्षण से साबित हुआ कि बरामद कंकालों में से कुछ लापता तृणमूल कार्यकर्ताओं के थे. उसी साल एक समय के शक्तिशाली सीपीएम नेता सुशांत घोष को गिरफ्तार किया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. गढ़बेता के बाद अशोकनगर में कंकाल बरामदगी की घटना को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है.
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