नदी में एक साथ अचानक प्रकट हुए हजारों-लाखों शिवलिंग वाली तस्वीरों का वायरल सच!

नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर इन दिनों तीन तस्वीरें वायरल हो रही हैं. ये तस्वीरें शिवलिंग से जुड़ी हुई हैं. तस्वीरों में नदी के बीच एक साथ हजारों शिवलिंग दिख रहे हैं. दावा है कि नदी का पानी सूखने पर अचानक हजारों-लाखों शिवलिंग प्रकट हो जाते हैं.

पहली तस्वीर में कुछ लोग नदी के तट पर खड़े दिखाई दे रहे हैं और नदी के बीच पत्थरों पर कई शिवलिंग बने हुए हैं.

दूसरी तस्वीर में शिवलिंग थोड़े नजदीक से नजर आ रहा है. इस तस्वीर में शिवलिंग के साथ पत्थर पर कुछ और आकृतियां भी बनी दिख रही हैं.

तीसरी तस्वीर में नदी के पानी और पेड़-पौधों के बीच खचाखच पत्थरों पर शिवलिंग का आकार प्रकट होता दिख रहा हैं.
इन तस्वीरों के साथ एक मैसेज भी वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, 'भारत के इतिहास में पहली बार कर्नाटक में शिवकाशी नदीं में पानी कम होने पर दिखे लाखों शिवलिंग. शेयर करना ना भूलें. हर हर महादेव.'
एबीपी न्यूज ने इन तस्वीरों की पड़ताल शुरु की. तस्वीरें कनार्टक के शिवकाशी नदी की बताई जा रही है. इसके लिए हमने गूगल मैप पर देखा तो पता चला कि शिवकाशी नाम की एक छोटी नदी कर्नाटक में है. हमने इंटरनेट पर नदी में शिवलिंग के बारे में खोजना शुरू किया तो हमें एक वीडियो मिला. ये वीडियो शिवलिंग की पड़ताल से जुड़ा हुआ था. ये तस्वीरें कर्नाटक से करीब 130 किमी अंदर सिरसी नाम के एक शहर की हैं. सिरसी में शलमाला नाम की नदी बहती है और इस नदी की खासियत ही ये है कि इस नदी में एक साथ चट्टानों पर हजारों शिवलिंग बने हुए हैं. शिवलिंगों के साथ-साथ नंदी और सांप की आकृतियां बनी हुई हैं. हजारों शिवलिंग एक साथ होने की वजह से इस जगह को सहस्त्रलिंग के नाम से जाना जाता है.
जब हमने और पड़ताल की तो आगे पता चला कि इसके पीछे 16 वीं सदी की एक छोटी सी कहानी है. 16वीं सदी में सदाशिवाराय नाम के एक राजा थे जो कि बहुत बड़े शिव भक्त थे. वे भगवान शिव की अद्भुत रचना का निर्माण करवाना चाहते थे इसलिए राजा सदाशिवाराय ने शलमाला नदी के बीच में हजारों शिवलिंग बनवा दीं. वो चाहते थे कि शिवलिंग का जलाभिषेक खुद नदी करती रहे. यानि ना ही ये कोई चमत्कार है और ना ही फोटोशॉप की हुई तस्वीर हमारी पड़ताल में वायरल तस्वीरें सच साबित हुई हैं. टॉप हेडलाइंस
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