कस्टोडियल डेथ केस: सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, गिरफ्तारी में देरी पर CBI और MP सरकार को अल्टीमेटम
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिरासत में युवक की मौत मामले में सुनवाई करते हुए, आरोपी दो पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर CBI और मध्य प्रदेश सरकार को 7 अक्टूबर तक का समय दिया है.

हिरासत में युवक की मौत मामले में आरोपी दो पुलिस अधिकारियों की अब तक गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. मध्य प्रदेश के इस मामले की जांच कोर्ट ने मई में CBI को सौंपी थी. अब कोर्ट ने CBI और मध्य प्रदेश सरकार को दोनों की गिरफ्तारी के लिए 7 अक्टूबर तक का समय दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इसके बाद राज्य के DGP और CBI के डायरेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया जा सकता है.
देवा पारधी नाम के युवक की हत्या का मामला मध्य प्रदेश के गुना जिले के म्याना थाने का है. पिछले साल 14 जुलाई को देवा को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया था. उसके साथ उसके चाचा गंगाराम को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था. आरोप है कि हिरासत में की गई पिटाई के चलते 24 साल के देवा ने दम तोड़ दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का दिया आदेश
मजिस्ट्रेट जांच में आरोपों की प्रारंभिक पुष्टि होने के बाद FIR दर्ज हुई, लेकिन कार्रवाई ढीले-ढाले तरीके से आगे बढ़ाई गई. FIR में मामले में शामिल पुलिस वालों के नाम भी पूरी तरह से नहीं लिखे गए. थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजीत मावई और उमरी चौकी प्रभारी सब-इंस्पेक्टर उत्तम सिंह कुशवाहा को न निलंबित किया गया, न गिरफ्तार किया गया.
देवा की मां अंसुरा बाई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया. 15 मई को मामला CBI को सौंप दिया गया. CBI ने घटना में शामिल होने के आरोपी इंस्पेक्टर जुबेर खान, सब-इंस्पेक्टर देवराज सिंह परिहार समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन मावई और कुशवाहा अब तक फरार हैं.
फरार चल रहे पुलिस अधिकारी अब निलंबित
अंसुरा बाई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न होने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दाखिल की है. गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को हुई सुनवाई में यह बात सामने आई कि कई महीनों से फरार चल रहे दोनों पुलिस अधिकारियों को अब जाकर निलंबित किया गया है. इससे नाराज कोर्ट ने मामला अगले दिन दोबारा सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया.
इस तारीख को कोर्ट में अगली सुनवाई
शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को हुई सुनवाई में CBI ने बताया कि उसने मावई और कुशवाहा की गिरफ्तारी पर 2-2 लाख का ईनाम घोषित किया है. कोर्ट ने CBI और मध्य प्रदेश सरकार के जवाब पर असंतोष जताते हुए उन्हें 7 अक्टूबर तक का समय दिया.
8 अक्टूबर को मामले पर आगे सुनवाई होगी. कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारियों को उस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है. साथ ही, न्यायिक हिरासत में बंद मामले के गवाह गंगाराम की सुरक्षा का भी आदेश दिया है.
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Source: IOCL






















