तेजस्वी यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर लगाई रोक
Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि केस दायर करने वाले शख्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. साथ ही उनसे जवाब दायर करने को कहा है.
Tejashwi Yadav Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 नवंबर) को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' कथित टिप्पणी को लेकर की गई शिकायत पर अहमदाबाद अदालत की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता की याचिका पर एक नोटिस जारी किया और तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर करने वाले स्थानीय कारोबारी हरेश मेहता से जवाब मांगा.
न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित मामले को गुजरात के बाहर स्थानांतरित करने की मांग करने वाली यादव की याचिका पर सुनवाई करने के लिए भी सहमत हो गई.
तेजस्वी यादव ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
उपमुख्यमंत्री ने अपने वकील अजय विक्रम सिंह के माध्यम से मामले को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले की अगली सुनवाई 2024 के जनवरी महीने में होगी. गौरतलब है कि यादव के खिलाफ कथित आपराधिक मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत गुजरात की एक अदालत में शिकायत दर्ज की गई थी.
क्या था तेजस्वी यादव का बयान?
शिकायत के अनुसार तेजस्वी यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी को माफ भी कर दिया जाता है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वे (गुजराती) एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा? मेहता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि इस बयान ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है.
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