राज्य सरकारें तय करें दिवाली के दिन कौन से दो घंटे छोड़ पाएंगे पटाखे : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार यह तय करें कि दिवाली के दिन कौन से दो घंटे पटाखे छोड़े जाएंगे. बता दें कि पिछली सुनवाई में देश की सबसे बड़ी अदालत ने रात 8 से 10 बजे तक पटाके फोड़ने का समय तय किया था.

नई दिल्ली: एक तरफ जहां पूरे देश में दिवाली का बेसब्री से इंतजार हो रहा है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित है. दिवाली के दिन पूरे देश में पटाखे जमकर फूटेंगे और उससे प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार यह तय करें कि दिवाली के दिन कौन से दो घंटे पटाखे छोड़े जाएंगे. बता दें कि पिछली सुनवाई में देश की सबसे बड़ी अदालत ने रात 8 से 10 बजे तक पटाके फोड़ने का समय तय किया था.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर किसी जगह सुबह और शाम दोनों समय पर पटाखे छोड़ने का नियम है तो सुबह 1 और शाम में 1 घंटे ऐसा किया जा सकता है. हालांकि समय वह क्या होगा यह निर्णय राज्य सरकार ले सकती है. कोर्ट ने यह भी बताया कि दिवाली के दिन ग्रीन पटाखे जलाने का नियम सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में लागू है. देश के बाकी हिस्सों में समान्य पटाखे जलाए जा सकते है.
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने कहा कि हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति देने संबंधी निर्देश पूरे देश के लिये नहीं बल्कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधाऩी क्षेत्र के लिये है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 23 अक्टूबर के आदेश में सुधार और स्पष्टीकरण के लिये तमिलनाडु सरकार और पटाखा निर्माताओं के आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी. तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को न्यायालय से अनुरोध किया था कि शाम को आठ से दस बजे की अवधि के अलावा राज्य की धार्मिक परंपरा के अनुसार जनता को दीपावली की सुबह साढ़े चार बजे से साढ़े छह बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति भी दी जाये. पटाखा निर्माताओं के वकील ने न्यायालय से कहा कि उनके लिये इस दीपावली पर हरित पटाखे बनाना संभव नहीं है क्योंकि उनके निर्माण के लिये कोई निश्चित मिश्रण मानक नहीं है. टॉप हेडलाइंस
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