'हो रहा हथियार की तरफ इस्तेमाल', ट्रंप की टैरिफ धमकी पर एस जयशंकर की अमेरिका को दो टूक
S jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए व्यापार करने का निर्णय लेती है, जबकि पहले ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा कि अब डिजिटल युग में ऐसा खूब होने लगा है.

S jaishankar On US Tariff: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित रायसीना संवाद में टैरिफ और दुनिया के बाजारों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि हर कोई अपनी राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ाने के लिए लड़ रहे हैं, जिसमें कारोबार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. रायसीना संवाद के दौरान पैनल चर्चा में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूछा गया कि सोशल मीडिया, टेलीकॉम जैसी चीजों को हथियार के रूप देखा जाने लगा है, इसे आप कैसे देखते हैं. इसका जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हथियारों के इस्तेमाल से निपटने के अलग-अलग तरीके हैं.
'नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर लिए जाते निर्णय'
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "एक तरीका तो ये है कि आप हथियार के दाईं ओर रहें, ताकि आप पर हमला न हो. आज दुनिया नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए व्यापार करने का निर्णय लेती है. पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन अब डिजिटल युग में खासकर ऐसा खूब होने लगा है." उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि डिजिटल युग में हम केवल किसी प्रोडक्ट की लागत के बारे में नहीं सोचते हैं, बल्कि आराम, भरोसा, पारदर्शिता के बारे में सोचते हैं."
'अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कम संयम दिखता है'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पहले के मुकाबले अब कम संयम देखने को मिलता है. हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा, "आप उसी के साथ व्यापार करने पसंद करेंगे, जिसके साथ आप सुरक्षित महसूस करते हों. भारत यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ तीन बड़ी व्यापार वार्ताओं में शामिल हैं. ये हमारे टेक्नोलॉजी के भागीदार हैं. ये कई मायनों में हमारे कनेक्टिविटी भागीदार हैं. यहीं लोग शिक्षा और पर्यटन के लिए जाते हैं. कई गैर-आर्थिक कारक हैं जो व्यावसायिक निर्णयों को तेजी से प्रभावित करते हैं."
ट्रंप की टैरिफ पर बोले जयशंकर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीतियों से दुनिया के कई देशों को झटका दिया है. इसे लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "आप माने या न मानें टैरिफ एक सच्चाई है और कई देश इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं. इसमें आर्थिक गतिविधियां, वित्तीय लेन-देन, ऊर्जा सप्लाई या टेक्नोलॉजी सब शामिल हैं. हमें इस माहौल में अपने देश के लिए सबसे अच्छा रास्ता खोजना होगा. आज के समय में अलग-अलग क्षेत्रों के बीच की सीमाएं मिट गई हैं."
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