75 साल में रिटायरमेंट पर RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान, बोले- 'मैंने कभी नहीं कहा...'
Mohan Bhagwat on Retirement Speculation: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद के 75 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद रिटायरमेंट की अटकलों को खारिज कर दिया.

Mohan Bhagwat on Retirement Speculation: RSS के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के बाद उनके राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने खारिज कर दिया है. कहा जा रहा था कि बीजेपी और संघ की परंपरा के मुताबिक 75 साल की उम्र पूरी होने पर नेता सक्रिय राजनीति से अलग हो जाते हैं.
मोहन भागवत, जिनका जन्मदिन प्रधानमंत्री से छह दिन पहले आता है, ने गुरुवार (28 अगस्त) शाम पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या कोई और 75 साल की उम्र में रिटायर होना चाहिए… हम वही करेंगे जो संघ कहेगा.'
मोहन भागवत ने कही ये बात
'75 साल के बाद क्या राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए' सवाल के जवाब में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "मैंने ये बात मोरोपंत के बयान का हवाला देते हुए उनके विचार रखे थे...मैंने ये नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए... हम जिंदगी में किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं और संघ हमसे जिस भी समय तक काम कराना चाहेगा, हम संघ के लिए उस समय तक काम करने के लिए भी तैयार हैं."
#WATCH दिल्ली: '75 साल के बाद क्या राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए' सवाल के जवाब में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "मैंने ये बात मोरोपंत जी के बयान का हवाला देते हुए उनके विचार रखे थे...मैंने ये नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए... हम जिंदगी में… pic.twitter.com/S44vQyCcRD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2025
घुसपैठ को रोकना चाहिए
घुसपैठ को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "घुसपैठ को रोकना चाहिए. सरकार कुछ प्रयास कर रही है, धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. लेकिन समाज के हाथ में है कि हम अपने देश में रोजगार अपने देश के लोगों को देंगे. अपने देश में भी मुसलमान नागरिक हैं. उन्हें भी रोजगार की जरूरत है. मुसलमान को रोज़गार देना है तो उन्हें दीजिए. जो बाहर से आया है उन्हें क्यों दे रहे हो? उनके देश की व्यवस्था उन्हें करनी चाहिए..."
Source: IOCL






















