Parliament Budget Session: वोटर ID पर राज्यसभा में भयंकर गुस्सा हो गया विपक्ष, कहा- 'चर्चा के लिए 3 मिनट...'
Rajya Sabha: देश में चुनावी निष्पक्षता पर फिर सवाल उठे. राज्यसभा में विपक्ष ने मतदाता पहचान पत्र में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए निर्वाचन आयोग से जांच और सुधार की मांग की.

Rajya Sabha Debate: राज्यसभा में बुधवार (12 मार्च) को विपक्षी दलों ने मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव का मुद्दा उठाया और निर्वाचन आयोग से इस 'गड़बड़ी' की जांच करने तथा तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ये प्रश्न ना सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिकों को भी प्रभावित कर रहा है.
इससे पहले कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) के मुद्दे पर नियम 267 के तहत उच्च सदन में तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की थी, लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इससे संबंधित सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए. विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर समस्या बताया.
शून्यकाल में अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि ये बेहद अहम महत्वपूर्ण मुद्दा है और केवल तीन मिनट का समय अपर्याप्त है. शून्यकाल के तहत किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए एक सदस्य को केवल तीन मिनट का समय दिया जाता है. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि नियम 267 के तहत चर्चा संभव नहीं है तो इसे नियम 176 के तहत कराया जाए जिसका कई विपक्षी दलों ने समर्थन किया.
अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम 176 का प्रावधान
नियम 267 राज्यसभा सदस्य को सभापति की मंजूरी से सदन के पूर्व-निर्धारित एजेंडे को निलंबित करने की शक्ति देता है. यदि किसी मुद्दे को नियम 267 के तहत स्वीकार किया जाता है तो ये दर्शाता है कि यह दिन का सबसे अहम राष्ट्रीय मुद्दा है. वहीं नियम 176 किसी विशेष मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा की अनुमति देता है जिसकी अवधि ढाई घंटे से ज्यादा नहीं हो सकती.
चुनावों की निष्पक्षता पर उठे सवाल
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा हैं और इसकी निष्पक्षता सुनिश्चित करना अनिवार्य है. वहीं राजद के मनोज झा ने अनुच्छेद 324 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि ईपीआईसी कार्ड के डुप्लीकेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं.
निर्वाचन आयोग से सुधारात्मक कदम उठाने की अपील
मनोज झा ने सदन में मांग की कि निर्वाचन आयोग को ये स्पष्ट करना चाहिए कि डुप्लीकेट ईपीआईसी कितने स्तर पर फैला है और इसकी जांच के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. उन्होंने आयोग से मतदाता सूची से हटाए गए नामों, जोड़े गए नए नामों और किए गए संशोधनों की अलग लिस्ट जारी करने की भी मांग की. विपक्षी दलों ने इस विषय पर सरकार और निर्वाचन आयोग से गंभीरता से जवाब देने की अपेक्षा जताई.
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