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सीमा पर तनाव के बीच रूस पहुंचे राजनाथ सिंह, S-400 की आपूर्ति पर देंगे जोर
भारत और चीन के बीच पिछले चार महीने से लद्दाख सीमा पर विवाद जारी है. सीमा पर तनाव के बीच राजनाथ सिंह दूसरी बार रूस के दौरे पर हैं.

चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज रूस के रक्षा मंत्री के साथ बैठक होगी. राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की 4 सितंबर को मॉस्को में होने वाली बैठक में शरीक होंगे. एससीओ की इस बैठक के लिए चीन के रक्षा मंत्री भी मास्को पहुंच रहे हैं.
भारत-चीन सीमा पर बीते 4 महीनों से चल रहे सैन्य तनाव के बीच यह पहला मौका होगा जब किसी बहुपक्षीय बैठक के मंच पर दोनों देशों के रक्षा मंत्री रूबरू होंगे. हालांकि अभी तक दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की कोई द्विपक्षीय मुलाकात तय नहीं है। बीते चार महीनों से भारत-चीन सीमा तनाव के बीच यह दूसरा मौका है जब रक्षा मंत्री रूस जा रहे हैं.
S-400 की जल्द आपूर्ति पर देंगे जोर
भारत ने रूस से आधुनिक तकनीक से लैस एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए करार किया है. सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह रूस से जल्द से जल्द इस मिसाइल सिस्टम को देने के लिए कहेंगे. इस मिसाइल सिस्टम से के आने से भारतीय सेना की ताकत में बहुत इजाफा होगा. यह मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर के दायरे में ऐसा कवच बनाता है जो हवा में मिसाइलों को ध्वस्त कर देता है.
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर भी रूस जा सकते हैं. रूस ने 10 सितंबर को एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया है.
चीन से तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज लद्दाख के दौरे पर हैं. चीन के साथ बढ़े सीमा तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख फील्ड कमांडरों के साथ तैनाती और तैयारियों की समीक्षा करेंगे, एलएसी पर रणीतिक ढांचागत परियोजनाओं का भी करेंगे रिव्यू. अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे.
उत्तर इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करेगी भारतीय सेना
पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद भारतीय सेना अब उत्तरी छोर पर आने वाले समय में बड़ा उलटफेर करने की तैयारी कर रही है. पैंगोंग के उत्तर का ये इलाका कोई और नहीं भारत और चीन के बीच सबसे विवादस्पद फिंगर-एरिया है. एबीपी न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि 30 अगस्त को भारतीय सेना ने इस फिंगर एरिया में अपनी डेप्लोयमेंट यानि सैनिको और सैन्य साजो सामान को 'रि-एडजेस्टमेंट'' किया है.
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