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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना राज्य के वोटरों का अपमान- राज ठाकरे
राज ठाकरे की पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में 101 सीटों पर लड़ी थी. लेकिन इस चुनाव में पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा. एमएनएस महज एक सीट जीतने में ही कामयाब हो पाई.
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मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है. अब इसपर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि राजय में राष्ट्रपति शासन लागू होना महाराष्ट्र के मतदाताओं का घोर अपमान है. ट्वीट करते हुए उन्होंने ये बात कही है. उन्होंने ये ट्वीट मराठी भाषा में किया है. बता दें कि राज ठाकरे की पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में कुछ खास नहीं कर पाई. एमएनएस महज सीट जीतने में ही कामयाब हो पाई. बीते विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी ने राज्य की 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
राष्ट्रपति ने राज्यपाल की सिफारिश को मंजूरी दी
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य की सियासी हालात को देखते आज राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जिसे राष्ट्रपति शासन को मंजूदी दे दी. इससे पहले राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया. 24 अक्टूबर को राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे लेकिन अभी तक किसी ने भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया.
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किसी को बहुमत नहीं
बीते विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ. बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की. जब राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया तो उसने कहा कि उसके पास संख्या मौजूद नहीं है. जब शिवसेना की बारी आई तो उसने 48 घंटे का अतिरिक्त समय मांगा, जिसे देने से राज्यपाल ने इनकार कर दिया. उसके बाद जब एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया गया. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी ने राज्यपाल को खत लिखकर कहा कि उनके पास भी संख्या मौजूद नहीं है.
हमें सरकार बनाने का न्यौता क्यों नहीं मिला- कांग्रेस
उधर कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्यौता क्यों नहीं दिया. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी दलों को राज्यपाल ने न्यौता दिया लेकिन हमारी पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्यौता नहीं दिया गया.
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