PM Modi Interview: 'ये पकड़े गए, इसी वजह से दे रहे इंटरव्यू', इलेक्टोरल बॉन्ड पर बोले पीएम मोदी तो राहुल गांधी ने साधा निशाना
Electoral Bonds: विपक्षी दलों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द किए जाने पर बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (15 अप्रैल) को न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भी बयान दिया. अब इस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम पकड़े गए हैं. इसी वजह से इंटरव्यू दे रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा, ''इलेक्टोरल बॉन्ड में नाम और तारीख जरूरी है. नाम और तारीख को देखकर पता लगेगा, जब उन लोगों ने बॉन्ड दिया है. पहले जांच एजेंसियां की कार्रवाई होती है, उसके एकदम बाद उन्हें पैसा मिलता है और एकदम बाद कार्रवाई बंद हो जाती है.'' उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये शुद्ध रूप से वसूली है. पीएम पकड़े गए हैं और अब इंटरव्यू दे रहे हैं.
'इलेक्टोरल बॉन्ड को संसद में मिली थी सराहना'
एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर खुलकर अपनी राय रखी. उनसे सवाल पूछा गया कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड का फैसला गलत था? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''लंबे समय से चुनावों में काले धन के इस्तेमाल का मुद्दा उठता रहा है. चुनाव में खर्च से कोई इनकार नहीं कर सकता है. सभी पार्टियां चुनावी चंदा लेती हैं.''
कैश के कारोबार पर क्या बोले पीएम मोदी?
उन्होंने कहा, ''मैं चाहता था कि काले धन से निजात पाने के लिए हम कुछ कोशिश करें. इलेक्टोरल बॉन्ड का रास्ता मिला, इसे संसद में सराहा भी गया. काले धन को खत्म करने के लिए हमने बड़े नोट बंद किए.'' पीएम मोदी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने कैश में 20 हजार की सीमा चुनावी चंदे के लिए तय की थी. हमने इसे ढाई हजार रुपये कर दिया, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला कारोबार चले.''
सुनाया 90 के दशक का किस्सा
पीएम मोदी ने 90 के दशक का किस्सा बताते हुए कहा, ''बीजेपी ने चुनावी चंदे के लिए चेक से पेमेंट लेना तय किया था. व्यापारी आते थे और कहते थे कि कैश ले लीजिए. चेक देने पर उसे लिखना होगा और इससे सरकार के निशाने पर आ सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि जो पार्टी चुनावी चंदे को गुप्त रखना चाहती है, उसके लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लाए.
'किसी भी फैसले में सुधार की संभावनाएं होती हैं'
उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड न होते तो किस व्यवस्था में ताकत थी कि पैसा ढूंढकर निकालते कि कहां से आया, कहां गया. उन्होंने कहा कि ये इलेक्टोरल बॉन्ड की सफलता है कि सबका मनी ट्रेल मिल रहा है. किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया? उन्होंने कहा कि ये फैसला सही था या गलत, ये विवाद का विषय हो सकता है. इसकी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं कभी नहीं कहता कि निर्णय में कोई गलती नहीं होती है. इसमें भी सुधार के लिए बहुत संभावनाएं हैं.
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