बजट 2020: राहुल गांधी ने बजट को बताया खोखला, कहा- बेरोजगारी के लिए कुछ नहीं निकला
वित्त मंत्री ने टैक्स सिस्टम में बदलाव किया है, हालांकि सरकार ने नए टैक्स स्लैब में टैक्स छूट की व्यवस्था खत्म कर दी है. 10 से लेकर 12.5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों का टैक्स 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया है. टैक्सपेयर्स के पास ये विकल्प होगा कि पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से अपना विकल्प चुन सकते हैं.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 160 मिनट के भाषण के जरिए देश के सामने बजट पेश किया. इस बजट पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. सरकार और उसके सहयोगी जहां इस बजस की जमकर तारीफ कर रहे हैं वहीं विपक्ष का कहना है कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेरोजगारी का कोई हल नहीं निकला.
राहुल गांधी ने कहा, ''भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था की हालत है. इसपर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी. इतिहास में सबसे लंबा बजट था, परन्तु उसमें कुछ था नहीं, खोखला था.''
बजट 2020-21 पर कांग्रेस नेता, राहुल गांधी: भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था की हालत है। इसपर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी। इतिहास में सबसे लंबा बजट था, परन्तु उसमें कुछ था नहीं, खोखला था। pic.twitter.com/symGCCQEuc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2020
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्विटर पर बजट को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''निर्मला जी, 1. पांच ट्रिलियन इकोनामी जुमला ही निकली? 2. बजट में रोज़गार शब्द का ज़िक्र तक नहीं ? 3. पांच नए स्मार्ट सिटी बनाएंगे? पिछले सौ स्मार्ट सिटी का ज़िक्र तक नहीं. 4. ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई?''
आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, 'किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है. कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है. आय दोगुनी करने के लिए कृषि विकास दर को 11 फीसदी रहना होगा.' उन्होंने दावा किया, ' निर्मला सीतारमण बजट संबन्धी गणित को स्पष्ट करने में विफल रही हैं. नवंबर महीने तक जो राजस्व आया है वो बजट आकलन का सिर्फ 45 फीसदी है.'
शर्मा ने वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा, 'लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं.'
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