'आपकी चुप्पी नारी शक्ति के नारे की पोल खोलती है', अफगान विदेश मंत्री की PC से महिला पत्रकारों की नो एंट्री पर भड़के राहुल गांधी
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर महिला पत्रकारों के बहिष्कार को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा रि ऐसे भेदभाव पर चुप रहना देश की महिलाओं के प्रति कमजोरी दिखाता है और नारी शक्ति के नारों को खोखला बनाता है.

दिल्ली में शुक्रवार (10 अक्टूबर) अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. राहुल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ऐसे भेदभाव पर चुप रहते हैं तो यह पूरे देश की महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता का संदेश देता है.
राहुल गांधी ने एक्स (Twitter) पर लिखा, “मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से बाहर किए जाने की अनुमति देते हैं तो आप देश की हर महिला को यह बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं. हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है. ऐसे भेदभाव पर आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों की खोखलापन उजागर करती है.”
Mr. Modi, when you allow the exclusion of women journalists from a public forum, you are telling every woman in India that you are too weak to stand up for them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 11, 2025
In our country, women have the right to equal participation in every space. Your silence in the face of such… https://t.co/FyaxxCteK6
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय (MEA) ने साफ किया है कि 10 अक्टूबर को दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप या भूमिका नहीं थी. मंत्रालय ने यह भी बताया कि महिला पत्रकारों को इस प्रेस इंटरैक्शन में शामिल न करने का निर्णय MEA का नहीं था.
विपक्ष ने उठाए सवाल
अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने की खबर के बाद देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई. पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि जब महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया, तो पुरुष पत्रकारों को तुरंत विरोध स्वरूप वॉकआउट करना चाहिए था. चिदंबरम ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैं स्तब्ध हूं कि महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया. पुरुष पत्रकारों को तुरंत वॉकआउट करना चाहिए था.”
प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि सरकार ने इस अपमानजनक स्थिति की अनुमति क्यों दी. उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी जी, कृपया स्पष्ट करें कि तालिबान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? क्या आपके महिला अधिकारों के दावे सिर्फ चुनावी नारे हैं?”
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे “हर भारतीय महिला का अपमान” बताया और कहा, “सरकार ने तालिबान मंत्री को महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देकर देश की हर महिला का अपमान किया है. यह शर्मनाक और रीढ़विहीन कदम है.”
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Source: IOCL
























