फडणवीस ने किया उद्धव ठाकरे के चाय-पानी कार्यक्रम का बहिष्कार, सामना ने ली चुटकी
हमेशा से बजट सत्र से पहले सरकार और विपक्षी दल के नेताओं के बीच चाय पानी कार्यक्रम की परंपरा रही है. इस बार देवेंद्र फडणवीस ने इस परंपरा का बहिष्कार किया.

मुंबई: शिवसेना के मुखपत्र सामना में बीजेपी के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर चुटकी ली गई है. मामला दरअसल यह है कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से सभी को चाय पानी का न्योता दिया गया था. विरोधी दल के मुखिया के नाते देवेंद्र फडणवीस भी आमंत्रित थे पर देवेंद्र फडणवीस ने चाय पानी का बहिष्कार कर दिया. अब इस बात पर सामना में चुटकी ली गई है. सामना के संपादक और शिवसेना नेता संजय राउत ने लिखा है की बहिष्कार कर बीजेपी ने विधिमंडल अधिवेशन में अपने दल की दिशा तय कर दी है. सामना में साफ तौर पर कहा गया है कि महाराष्ट्र आघाड़ी सरकार का यह पहला बजट है और विरोधी दल को इसी के चलते आमंत्रित किया गया था. इस चाय पानी बैठक में आकर मुख्यमंत्री से किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात करनी चाहिए थी पर विपक्षी दल ने उल्टी नीति अपनाई और बहिष्कार कर दिया.
दरअसल हमेशा से बजट सत्र से पहले सरकार और विपक्षी दल के नेताओं के बीच चाय पानी की परंपरा रही है पर इस बार देवेंद्र फडणवीस ने इसका बहिष्कार किया था. उन्होंने कहा था कि महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच समन्वय का अभाव है. इस बात पर गुस्सा हुई शिवसेना ने सामना के जरिए जवाब दिया है और कहा है कि देवेंद्र का ऐसा कहना हास्यास्पद है. लोकतांत्रिक परंपरा में विपक्षी दल का नेता शैडो मुख्यमंत्री होता है जो जनता की समस्याओं को मुख्यमंत्री के पास ले जाता है पर फडणवीस इस काम में सफल होते नहीं दिखाई दे रहे हैं. उनके पास जानकारी अधूरी है. वास्तविकता यह है कि महाविकास आघाड़ी में संवाद अच्छा है और कोई भी अनबन नहीं है. सहयोगी दल सरकार चलाने और दिखाने के लिए कटिबद्ध हैं. देवेंद्र पर चुटकी लेते हुए लिखा गया है कि अगर इसी बात से फडणवीस के पेट में दर्द है तो एक लाइलाज बीमारी है.
फडणवीस के सरकार में संवाद के अभाव के बयान पर और तीखा हमला करते हुए लिखा गया है कि बीजेपी और हिंदुत्व के मुद्दे पर 25 साल शिवसेना साथ दिया पर अब संवाद क्यों टूट गया? इसका जवाब देवेंद्र को महाराष्ट्र की जनता को देना चाहिए अगर संवाद की नीति बनी रहती तो महाराष्ट्र की राजनीति तस्वीर कुछ अलग होती. इसलिए फडणवीस को महाविकास अघाड़ी को संवाद कुशलता का ज्ञान नहीं देना चाहिए. हमले को और तीखा बनाते हुए लिखा गया है कि जब देवेंद्र दूसरी बार केवल कुछ घंटों के लिए मुख्यमंत्री बने थे तब राष्ट्रपति भवन राजभवन गृह मंत्रालय से लेकर सीबीआई तक संवाद बनाने के बाद भी एक भी महाविकास आघाड़ी का विधायक नहीं टूटा. यह उदाहरण है कि गठबंधन में संवाद अच्छा है. बीजेपी पर चुटकी लेते हुए यह भी लिखा गया है कि बीजेपी के पास 105 विधायक है इसमें से 50 ऐसे हैं जो विचार के नहीं है बाहर के हैं.
संघ के बड़े नेता भैया जी जोशी के फडणवीस पर दिए बयान को लेकर भी सामना में तंज कसा गया है और कहा गया है नागपुर में संघ के नेता भैयाजी जोशी ने एक हवाई घोषणा की. देवेंद्र फडणवीस बहुत समय तक विरोधी दल मे नहीं रहेंगे. उनके नाम के आगे लगा ‘पूर्व’ शब्द जल्द निकल जाएगा. इस बयान से विरोधी दलों को मानसिक गुदगुदी तो जरूर हुई होगी लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा कुछ नहीं होगा तो देवेंद्र जी, विरोधी दल के नेता के रूप में काम शुरू करो, हम इतना ही सुझाव दे सकते हैं.
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