ट्रोल करने वालों को सुषमा का जवाब, बोलीं- 'अभद्र नहीं सभ्य भाषा में करो आलोचना'
सर्वे में 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. वहीं, सुषमा के पति ने भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को ‘असहनीय दर्द’ दिया है.

नई दिल्ली: पासपोर्ट विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हुईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर एक सर्वे करके अपशब्दों का इस्तेमाल करने वालों को कड़ा जवाब दिया है. सुषमा स्वराज ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से पूछा था कि क्या वे इस तरह की ‘ट्रोलिंग’ को स्वीकृति देते हैं. इस पर 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं.
सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार- सुषमा
सर्व के बाद सुषमा स्वराज ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया, कहा- ‘‘लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है.’’
In a democracy difference of opinion is but natural. Pls do criticise but not in foul language. Criticism in decent language is always more effective.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 1, 2018
बता दें कि 24 घंटे तक चले इस सर्वेक्षण में 1 लाख 24 हजार 305 लोगों ने हिस्सा लिया था, इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. सुषमा ने बीती रात टि्वटर सर्वेक्षण शुरू किया था.
ट्रोल होने पर सुषमा स्वराज ने पूछा- क्या आप ऐसे ट्वीट को सही मानते हैं? लोग बोले, नहीं
सुषमा स्वराज के पति बोले- असहनीय दर्द हुआ
वहीं, अपनी सुषमा स्वराज पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोल को दिए भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को ‘असहनीय दर्द’ दिया है.
सुषमा के पति कौशल ने ट्वीट किया , ‘‘आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है. आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया. सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं. वह एक साल तक अस्पताल में रहीं. उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की.’’
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह मामला लखनऊ के रतन स्क्वायर पासपोर्ट से शुरू हुआ. जहां तन्वी सेठ नाम की महिला जब पासपोर्ट बनाने गई तो उनके साथ कथित तौर पर पासपोर्ट बनाने वाले अधिकारी ने बदसलूकी की. तन्वी के आरोपों के मुताबिक, अधिकारी ने पूछा की जब आपने मुस्लिम लड़के से शादी की है तो आपका नाम हिंदू जैसा क्यों है? आप नाम बदलवाइए. यह कहते हुए पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने पासपोर्ट बनाने से कथित तौर पर इनकार कर दिया.
जिसके बाद तन्वी सेठ ने इसकी शिकायत विदेश मंत्रालय से की. मीडिया में यह मामला सुर्खियों में आने के बाद आनन-फानन में तन्वी को पासपोर्ट दे दिया गया. अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया. अब तन्वी पर आरोप है कि उसने पासपोर्ट में कई जानकारियां गलत दी है. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच गठित की है. बताया जा रहा है कि जांच टीम ने तन्वी को दोषी पाया है. इस मामले में तन्वी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
सुषमा क्यों निशाने पर?
दरअसल, तन्वी सेठ को पासपोर्ट दिये जाने पर कई संगठन और ट्विटर यूजर्स ने आपत्ति जताई. उनका कहना है कि पासपोर्ट के मामले को जानबूझ कर तन्वी ने हिंदू-मुस्लिम का रंग दिया और विकास मिश्रा की दलील सुने बगैर पासपोर्ट जारी कर दिया गया. जिसके बाद कई ट्विटर यूजर्स ने सुषमा स्वराज पर भद्दे कमेंट्स किये.
यूजर्स ने सारी हदें पार करते हुए सुषमा को निशाने पर लिया. रॉबिन नाम के शख्स ने तो शर्मिंदगी की सारी हदें पार करते हुए सुषमा स्वराज की किडनी फेल होने की भी दुआ कर डाली. उन्होंने लिखा, ''सुषमा स्वराज मैं आपके लिए दुआ कर रहा हूं कि आपका फिर से किडनी फेल हो जाए.'' इंदिरा बाजपेयी ने #ISupportVikasMishra के साथ लिखा है क्या यह इस्लामिक किडनी का इफैक्ट है. सुषमा ने भी ट्विटर यूजर्स को सबक सिखाने के लिए ट्वीट को रिट्वीट किया था.
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