लद्दाख के पास पाकिस्तान ने तैनात किए चीनी फाइटर जेट, स्कार्दू एयरबेस का पाक के वायुसेना प्रमुख ने किया दौरा
चीन से पूर्वी लद्दाख में चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तान वायुसेना प्रमुख गिलगित-बालटिस्तान के स्कार्दू एयरबेस पहुंचे. कारगिल विजय दिवस से एक दिन पहले स्कार्दू एयरबेस पर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया.

लेह: पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी, राफेल के एलएसी पर तैनाती होने और कारगिल विजय दिवस से ठीक पहले पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख ने गिलगित-बालटिस्तान के स्कार्दू एयरबेस का दौरा किया है. वहां चीन की मदद से तैयार किए गए जेएफ-17 फाइटर जेट्स तैनात कर दिए हैं.
पाकिस्तानी न्यूज चैनल पीटीवी के मुताबिक, पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख मुजाहिद अनवर खान ने शनिवार को स्कार्दू के कादरी एयरबेस का दौरा किया और जेएफ-17 लड़ाकू विमानों और दूसरे लड़ाकू एलीमेंट्स की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान उन्हें वहां चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों के बारे में भी जानकारी दी गई.
पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख का स्कार्दू एयरबेस का दौरा ऐसे समय में हुआ है जब लगातार इस तरह की खबरें आ रही थीं कि चीन ने अपने एयरक्राफ्ट्स को स्कार्दू बेस पर तैनात किए हैं. हालांकि, पाकिस्तान ने इन खबरों का खंडन किया था, लेकिन ये खबर पक्की है कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से तैयार किए जेएफ-17 ‘थंडर’ फाइटर जेट्स को यहां तैनात किया है. इस तरह की लगातार खबरें आ रही हैं कि भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान हाथ मिला सकते हैं.
पिछले ढाई महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है. जल्द ही फ्रांस से आने वाले रफाल लड़ाकू विमानों को भारत एलएसी से सटी एयर-स्पेस में तैनात करने की तैयारी कर रहा है. क्योंकि चीन के सभी फ्रंट लाइन एयरबेस अलर्ट पर हैं और वहां चीन के सभी फाइटर जेट्स तैनात हैं.
पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख का दौरा उस दिन हुआ है, जब अगले दिन (26 जुलाई) भारत में करगिल विजय दिवस मनाया जाएगा. हालांकि, चीन से चल रहे टकराव के चलते इस बार करिगल-द्रास में किसी तरह के जश्न का आयोजन नहीं किया गया है (जैसा कि हर साल होता आया है). लेकिन द्रास स्थित करगिल वॉर मेमोरियल पर भारतीय सेना की उत्तरी कमांन के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी (जो करगिल युद्ध के हीरो रह चुके हैं) शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उनके साथ लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद रहेंगे. राजधानी दिल्ली में भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना-प्रमुखों के साथ नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
इस बीच चीन और पाकिस्तान के एक और सीक्रेट गठजोड़ का खुलासा हुआ है. जहां एक तरफ कोरोना वायरस अभी दुनिया जूझ रही है, इस बीच खबर है कि चीन और पाकिस्तान खुफिया तरीके से बायोलॉजिकल वॉरफेयर की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए दोनों देशों ने तीन साल की एक सीक्रेट डील की है जिसमें एंथ्रेक्स वायरस के खिलाफ रिसर्च करना है बताया जा रहा है, लेकिन इसका असल मकसद भारत के खिलाफ हो सकता है.
आस्ट्रेलियाई खोजी मीडिया, क्लोकसोन के मुताबिक, चीन की बदनाम वुहान लैब (वुहान इस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी) ने पाकिस्तान की डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी आर्गेनाइजेशन (डीईएसडीओ) के साथ एक कोवर्ट डील की है जिसमें संक्रमित बीमारियों पर एडवांस रिसर्च करना है ताकि इन बायोलॉजिकल बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके.
इस डील के तहत पाकिस्तान में चीन बायो-कैमिकल वॉरफेयर लैब स्थापित करेगा जो पूरी तरह चीन द्वारा फंडेड होंगी. इसका मकसद ये है कि चीन वायरस-एजेंट्स को अपनी धरती पर टेस्ट न कर किसी दूसरे देश (पाकिस्तान) में करेगा. ऐसा करके चीन दुनियाभर की भर्त्सना से बच सकता है अगर ये वायरस लैब से लीक हो भी जाते हैं तो, क्योंकि कोरोना को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है.
लेकिन क्लोकसोन के मुताबिक, इस डील से सबसे बड़ी चिंता ये है कि पाकिस्तानी रक्षा संस्थान, डीईएसटीओ पहले से ही एंथ्रेक्स के नाम पर कोवर्ट बायोलॉजिकल वैपन यानि हथियार बनाने में जुटा है.
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Source: IOCL
























