New Parliament Building: नए संसद भवन के एंट्री गेट पर लगे हैं हाथी, घोड़े और गरुड़ के स्टैच्यू, भारतीयता और वास्तु शास्त्र से है कनेक्शन
New Parliament Building Entry Gates: नए संसद भवन के एंट्री गेट पर हाथी, घोड़े, गरुड़, हंस, मकर और शार्दूल की प्रतिमाएं हैं. इनका सीधा संबंध भारतीय संस्कृति और वास्तुकला से है.
New Parliament Building: नए संसद भवन में मंगलवार 19 सितंबर से विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होगी. नव निर्मित इस भवन की वास्तुकला न केवल गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने का संकेत है, बल्कि इसमें भारती वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत की हजारों साल पुरानी झलक भी देखने को मिल रही है. इसमें एंट्री के लिए छह द्वार बनाए गए हैं. पहले तीन द्वार पर अश्व, गज और गरुड़ की प्रतिमा है. हिंदी में इनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है. इन एंट्री गेट का इस्तेमाल उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री करेंगे.
हर द्वार पर लगी जानवरों की शानदार प्रतिमाओं के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती एक स्क्रिप्ट भी लगी है. इस स्क्रिप्ट में जानवरों के महत्व को दर्शाया गया है. यहां आपको बताते हैं कि प्रवेश द्वार पर लगाई गईं अलग-अलग जानवरों की प्रतिमाओं का सांस्कृतिक महत्व क्या है.
गजद्वार
नए संसद भवन के उत्तर दिशा में गज द्वार है जहां रविवार (17 सितंबर) को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तिरंगा फहराया. यहां लाल पत्थर से बनी गज यानी हाथी की दो प्रतिमएं लगी हैं जो बुद्धि, संपदा, याददाश्त और बौद्धिकता का प्रतीक है. लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधियों का प्रतीक भी हाथी को माना जाता है. उत्तर दिशा का संबंध बुध ग्रह से है जो बुद्धिमता का प्रतीक है. बुद्ध का स्वामी कुबेर को कहते हैं जो धन के देवता हैं. इसलिए उत्तरी गेट पर हाथी की प्रतिमा स्थापित की गई है.
इसी तरह से बाकी पांच प्रवेश द्वार पर भी अलग-अलग जानवरों की प्रतिमाएं हैं, जो भारतीय संस्कृति में शौर्य, वीरता और शुभ का प्रतीक हैं.
अश्व द्वार
साउथ गेट पर अश्व यानी घोड़े की प्रतिमा बनाई गई है. इसे ताकत, मजबूती और गति का प्रतीक माना जाता है. यह ओडिशा के सूर्य मंदिर से प्रभावित है. साथ ही यह गुणवत्तापूर्ण शासन का भी प्रतीक है.
गरुड़ द्वार
पूर्वी प्रवेश द्वार पर गरुड़ की प्रतिमा अंकित है. यह विष्णु की सवारी है और शासन से लोगों की अपेक्षाओं का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा इसके पूर्वी दिशा में लगे होने की वजह है कि इस दिशा का संबंध सूरज से है जो आशा, जीत और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है.
मकर द्वार
एक अन्य द्वार पर मकर की प्रतिमा लगी है. यह एक पौराणिक जलीय जीव है जो विभिन्न जानवरों के शारीरिक अंगों को जोड़ता है. यह विविधता में एकता की भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है.
शार्दुल गेट
इसी तरह से शार्दुल गेट है. यह ऐसा जानवर का है जो सभी जीवित प्राणियों में सबसे शक्तिशाली और लगातार विकसित होता माना जाता है. यह देश के लोगों की शक्ति को समर्पित करके बनाया गया है.
हंस द्वार
हंस द्वार पर हंस की प्रतिमा है. यह विवेक और आत्म ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. हंस की खासियत होती है कि वह केवल सार तत्वों को चुनता है. लाख बुराइयों में अच्छाई को चुनने का प्रतीक हंस को पूर्वी द्वार पर अंकित किया गया है.
मकर, हंस और शार्दुल द्वार का प्रयोग सांसदों और पब्लिक के लिए किया जाएगा.
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