'अब कोर्ट में नहीं पड़ेगी तारीख पर तारीख', नए आपराधिक कानूनों को लेकर बोले अमित शाह
तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने को लेकर अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि 2026 के बाद किसी भी प्राथमिकी का निपटारा औसतन तीन साल में हो जाएगा. अब अदालत में 'तारीख पर तारीख' नहीं पड़ेगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (03 अक्टूबर, 2025) को कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से न्याय प्रक्रिया सरल और समयबद्ध होगी. उन्होंने कहा कि 2026 के बाद किसी भी प्राथमिकी का निपटारा औसतन तीन साल में हो जाएगा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने जा रहे हैं. शाह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में तीन नए आपराधिक कानूनों पर एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे.
2026 के बाद तीन साल में होगा न्याय सुनिश्चित
उन्होंने कहा कि लोगों में यह धारणा है कि यदि वे पुलिस थाने जाएंगे तो उन्हें सालों तक न्याय नहीं मिलेगा. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 2026 के बाद किसी भी प्राथमिकी का निपटारा औसतन तीन साल में हो जाएगा और न्याय सुनिश्चित होगा.’
उन्होंने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के एक वर्ष में देश भर में दर्ज 53 प्रतिशत आपराधिक मामलों में आरोप पत्र 60 दिनों के भीतर, 65 प्रतिशत मामलों में आरोप पत्र 90 दिनों के भीतर दायर किए गए, जबकि हरियाणा में 71 प्रतिशत आरोप पत्र 60 दिनों के भीतर और 83 प्रतिशत आरोप पत्र 90 दिनों के भीतर दायर किये गये.
अदालतों में नहीं होगी ‘तारीख पे तारीख’
शाह ने कहा कि नये आपराधिक कानून के लागू होने के बाद हरियाणा में दोषसिद्धि की दर दोगुनी होकर 80 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत तीन साल के भीतर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा और अदालतों में ‘तारीख पे तारीख’ नहीं होगी. शाह ने कहा कि हरियाणा की जनता ने भाजपा को लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए जनादेश दिया है और राज्य के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है.
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