PM Modi Visit RSS Headquarter: RSS के स्मृति मंदिर पहुंचे पीएम मोदी ने विजिटर बुक में क्या लिखा, जिसकी हो रही चर्चा
PM Modi Visit RSS Headquarter: न केवल आरएसएस हेडक्वार्टर, बल्कि नागपुर में दीक्षाभूमि जाकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी.

PM Modi Visit RSS Headquarter: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 मार्च, 2025) को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति मंदिर का दौरा किया. पीएम ने संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर अंगुटुक पुस्तक पर एक खास संदेश लिखा और अपने हस्ताक्षर भी किए.
पीएम मोदी ने लिखा, 'परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार और पूज्य गुरुजी को शत शत नमन. उनकी स्मृतियों की संजोने, इस स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूं. भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित यह स्थली हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. संघ के इन दो मजबूत स्तंभों की यह स्थली देश की सेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए उर्जा पुंज है. हमारे प्रयासों से मां भारती का गौरव सदा बढ़ता रहे.'
दीक्षाभूमि भी गए थे पीएम मोदी
न केवल आरएसएस हेडक्वार्टर, बल्कि नागपुर में दीक्षाभूमि जाकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पीएम मोदी ने नागपुर में ही माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की नई एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला भी रखी. यहां पर जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने देशवासियों को नवरात्रि और गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं दी.
VIDEO | Maharashtra: PM Narendra Modi (@narendramodi) penned a message in visitors' book during his visit to RSS Smruti Mandir, Nagpur earlier today.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 30, 2025
(Full video available on PTI Videos- https://t.co/dv5TRARJn4) pic.twitter.com/0m8UqX5eKO
'भारत की सूरत को मिटाने की कई कोशिशें हुई, लेकिन...'
पीएम मोदी ने आरएसएस के संस्थापकों और संविधान के निर्माता को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में बहुत कुछ झेला है, लेकिन नए-नए सामाजिक आंदोलन के कारण देश की चेतना कभी आहत नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि हम अपने देश का इतिहास देखें तो सैकड़ों वर्ष की गुलामी, इतने आक्रमण झेले. उन्होंने कहा कि भारत की सूरत को मिटाने की कई कोशिशें हुई, लेकिन भारत की चेतना कभी आहत नहीं हुई. इसकी लौ हमेशा जल्दी रही क्योंकि कठिन परिस्थितियों में भी नए-नए सामाजिक आंदोलन होते रहे.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















