CJI और महाराष्ट्र के CM शिंदे के मंच साझा करने पर MVA दलों ने जताई आपत्ति, जानें NCP नेता जयंत पाटिल क्या बोले
Jayant Patil Remark Over CJI UU Lalit: महाविकास अघाड़ी ने एकनाथ शिंदे और सीजेआई यूयू ललित के एक साथ मंच साझा करने पर आपत्ति जताई है. एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने इस बारे में ट्वीट किया है.

CJI and CM Sharing Stage Row: महाविकास आघाड़ी (MVA) में शामिल दलों ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और भारत के प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित (CJI UU Lalit) के ऐसे समय में मंच साझा करने पर आपत्ति जताई है जब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) और शिंदे गुट (Shinde Faction) की याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में चल रही है.
शिवसेना और कांग्रेस (Congress) के साथ एमवीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेश इकाई अध्यक्ष जयंत पाटिल ने ट्वीट किया, “उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ एकनाथ शिंदे सरकार की वैधता को चुनौती देने के एक गंभीर मामले पर सुनवाई कर रही है. ऐसे में शिंदे का भारत के प्रधान न्यायाधीश के साथ मंच साझा करना अनुचित है. यह प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है.”
मा. सर्वोच्य न्यायालयाच्या घटनापीठासमोर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आणि त्यांच्या सरकारच्या वैधतेची गंभीर सुनावणी सुरु आहे, असे असताना मुख्यमंत्र्यांनी सर्वोच्य न्यायालयाचे मा. सरन्यायाधीश यांच्यासोबत एका व्यासपीठावर बसणे, हे संकेतांना धरून नाही. pic.twitter.com/3pkPzx2KqY
— Jayant Patil- जयंत पाटील (@Jayant_R_Patil) September 11, 2022
कार्यक्रम में सीजेआई के शामिल होने पर सीएम शिंदे ने यह कहा
सीजेआई ललित को शनिवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया, जहां केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे. कार्यक्रम में मौजूद रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि यह राज्य के लिए गर्व का पल है क्योंकि इसका 'बेटा' भारत का प्रधान न्यायाधीश बना है.
कांग्रेस-शिवसेना ने ये कहा
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने शनिवार के कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, “ऐसे समय में जब माननीय उच्चतम न्यायालय शिंदे-फडणवीस सरकार की वैधता की जांच कर रहा है और न केवल वर्तमान राज्य सरकार, बल्कि इसका नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है तो इस तरह मंच साझा करना ठीक नहीं है.” शिवसेना प्रवक्ता अरविंद सावंत ने दावा किया कि इन दिनों नियम और कानून के मुताबिक कुछ नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, “यही कारण है कि हम कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है.”
उल्लेखनीय है कि इस साल जून में शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई थी, जिसके चलते ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. इसके बाद 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे.
उच्चतम न्यायालय ने हाल में शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों द्वारा दायर याचिकाओं को पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया था. इन याचिकाओं में दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक प्रश्न उठाए गए थे.
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Source: IOCL























