Mukhtar Ansari in UP: साल 1988 में हुई थी मुख्तार के डॉन बनने की शुरूआत, सिर्फ यूपी में दर्ज हैं 53 केस
साल 1991 में मुख्तार पुलिस की गिरफ्त में आया, लेकिन गिरफ्तारी के दौरान दो पुलिस वालों को गोली मारकर फरार हो गया.पंजाब से यूपी आने को लेकर मुख्तार लगातार अपनी जान के खतरे की चादर तान रहा है. हालांकि अब भी मुख्तार का परिवार जान पर खतरे का अंदेशा जता रहा है
Mukhtar Ansari in UP: मुख्तार अंसारी को आज यूपी पुलिस पंजाब को रोपड़ जेल से बांदा जेल लेकर आ गई है. मुख्तार अंसारी को जेल की बैरक नंबर 16 में रखा गया है. मुख्तार अंसारी के डॉन बनने की शुरुआत साल 1988 में हुई. मंडी परिषद की ठेकेदारी के झगड़े में सच्चिदानंद राय की हत्या हुई और पहली बार उसका नाम पुलिस फाइल में आया. जानिए मुख्तार कैसे अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बना.
मुख्तार अंसारी पर करीब 53 मामले दर्ज
साल 1991 में मुख्तार पुलिस की गिरफ्त में आया, लेकिन गिरफ्तारी के दौरान दो पुलिस वालों को गोली मारकर फरार हो गया, यूपी में मुख्तार अंसारी पर करीब 53 मामले दर्ज है, जिनमें 15 अंडरट्रायल केस हैं. मुख्तार पर जो बड़े मामले दर्ज हैं-
- मऊ में दंगा भड़काने का आरोप
- कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप
- वीएचपी के नंद किशोर रूंगटा का अपहरण
- एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमले का आरोप
पंजाब से यूपी आने को लेकर मुख्तार लगातार अपनी जान के खतरे की चादर तान रहा है. हालांकि अब भी मुख्तार का परिवार जान पर खतरे का अंदेशा जता रहा है, लेकिन सरकार इन आशंकाओं को निराधार बता रही है.
प्रयागराज जेल में शिफ्ट किया जा सकता है मुख्तार
जेल मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया कि जेल की ये बैरक बाकी बैरक से अलग है. यहां किसी और को आने जाने को अनुमति नहीं होगी. जेल में बंदीरक्षकों की संख्या बढ़ाई गई है. साथ ही लगातार अधिकारियों से बात हो रही है. बड़ी बात यह है कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में कुछ ही दिन रखा जाएगा, इसके बाद उसे प्रयागराज जेल में शिफ्ट किया जा सकता है.
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