कांग्रेस से नाराज हुई गठबंधन सहयोगी DMK, कहा- संबंध सामान्य होने के बारे में समय ही बताएगा
एमके स्टालिन की पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) ने कहा है कि कांग्रेस के साथ संबंध सामान्य होने के बारे में समय ही बताएगा.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा और देश की आर्थिक स्थिति जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए सोमवार को कांग्रेस ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. इस बैठक से अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती की बीएसपी, ममता बनर्जी की टीएमसी तो दूर रही ही कांग्रेस की लंबे समय तक सहयोगी रही डीएमके भी बैठक में शामिल नहीं हुई.
डीएमके (द्रमुक) ने आज बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कहा कि कांग्रेस ने उनकी पार्टी के प्रमुख एमके स्टालिन पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने के आरोप लगाए. डीएमके ने कहा, ''कांग्रेस के नेतृत्व में सीएए के खिलाफ हुई बैठक से इसलिए दूर रहे क्योंकि पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन पर गठबंधन धर्म के उल्लंघन का आरोप लगाया गया.'' पार्टी ने भविष्य को लेकर कहा, ''कांग्रेस के साथ संबंध सामान्य होने के बारे में समय ही बताएगा.''
Time will tell about ties with Congress becoming normal: DMK
— Press Trust of India (@PTI_News) January 14, 2020
डीएमके के वरिष्ठ नेता टी आर बालू ने कहा कि पार्टी दिल्ली में बैठक में शामिल नहीं हुई क्योंकि उसे लगा कि तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष अलागिरि के हालिया बयान में हमारे पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन पर आरोप लगाए गए थे. अलागिरि ने 10 जनवरी को कहा था कि सहयोगी डीएमके ने उसे उचित संख्या में स्थानीय निकाय प्रमुखों के पद नहीं दिए और यह गठबंधन धर्म के खिलाफ था.
बता दें कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन कर चुनाव लड़ती रही है. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टी साथ चुनाव लड़ी और एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया. हाल के दिनों में जब झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन शपथ ग्रहण वाले मंच पर दिखे.
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