अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप: प्रिया के बाद दो और महिला पत्रकारों ने कहा- #MeToo
अपने दौर के दिग्गज संपादक और वर्तमान में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर तेजी से यौन शोषण के आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनके ऊपर पहला आरोप पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया जिसके बाद दो और आरोप सामने आए हैं. ताज़ा आरोपों में महिला पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा और पत्रकार शूमा रहा ने कई गंभीर बातें कही हैं.

नई दिल्ली: MeToo मूवमेंट के तहत जो बातें सामने आ रही हैं उसके बाद ऐसे आसार नजर आ रहे हैं कि भारतीय मीडिया के कई दिग्गज घिरते नजर आ रहे हैं. इसी कैंपेंन के तहत लगाए गए आरोपों में अपने दौर के दिग्गज संपादक और वर्तमान में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर तीसरा मामला सामने आया है. उनके ऊपर पहला आरोप पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया जिसके बाद दो आरोप और सामने आए हैं. ताज़ा आरोपों में महिला पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा और पत्रकार शूमा रहा ने कई गंभीर बातें कही हैं.
प्रिया रमानी की तर्ज पर प्रेरणा सिंह लिखती हैं, "वो एक शानदार संपादक थे जो राजनीतिक में डूबे रहते थे. उन्होंने मुझे मेरी पहली नौकरी के दौरान 'काम के बारे में चर्चा करने के लिए' अपने होटल के कमरे में बुलाया. जब मैंने ऐसी बातों के लिए मना किया तो उन्होंने काम के दौरान मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया. मैं अपनी कई मजबूरियों की वजह से कभी कुछ नहीं कह पाई लेकिन हां #MeTooIndia."
प्रिया रमानी के ट्वीट पर जवाब देते हुए शूमा रहा लिखती हैं कि ऐसी ही घटना उनके साथ भी हुई थी. उनके साथ कोलकाता के ताज बंगाल में एमजे अकबर ने ऐसा ही किया था. शूमा लिखती है कि ऐसी घटना के बाद उन्होंने नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया.
हालांकि, उन्होंने ये भी लिखा है कि वो साफ कर देना चाहती हैं कि अकबर ने उनके साथ कुछ किया नहीं था. लेकिन होटल में इंटरव्यू के नाम पर शराब पीने के लिए बुलाए जाने और इससे जुड़ी बाकी के अनुभव काफी असहज कर देने वाले थे. अकबर पर आरोपों की शुरुआत प्रिया रमानी के ट्वीट से हुई जिनमें उन्होंने इस दिग्गज पत्रकार पर यौन शोषण के आरोप लगाए.
उठी अकबर के इस्तीफे की मांग अकबर पर लगे आरोपों के बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने उनके इस्तीफे की मांग की है. पार्टी प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, "R-E-S-I-G-N, समय आ गया है, #TimeIsUP." तिवारी ने आगे कहा, "लोगों ने बता दिया है कि इस तरह के लोग पब्लिक स्फीयर (सार्वजनिक क्षेत्र) में नेतृत्व के रोल में नहीं रह सकते हैं."
एसपी के तिवारी ने कहा कि इस समय सरकार तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नहीं कर पाएगी. साथ ही मांग की कि नागरिकों ने इसे एक अभियान बनाया है तो सरकार की जिम्मेदारी है कि तुरंत उन्हें बर्खास्त कर दे. उन्होंने ये भी कहा कि जिसका भी नाम आए उसके साथ यही होना चाहिए. अकबर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप बेहद प्रमाणिक सूत्रों से आए हैं और जब तक वो आरोपों से बरी नहीं हो जाते, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि प्रिया रमानी ने अपने आरोप को पूरी मजबूती के साथ पेश किया है और इस सिलसिले में कई ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने न सिर्फ अपना पूरा दर्द बयान किया है, बल्कि यौन शोषण की पूरी कहानी को दोहराई है. उन्होंने एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है, "इस आर्टिकल में एम जे अकबर के साथ की मेरी कहानी है. कभी उनका नाम नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं 'किया' था." वो आगे लिखती है कि कई महिलाओं के पास इस शिकारी को लेकर और घटिया कहानियां हैं- संभव है इसके बाद वो अपनी कहानी साझा करें.
अपनी कहानी में प्रिया ने बताया है कि कैसे एक युवा पत्रकार के तौर पर वो और उनके साथ आए तमाम सहकर्मी एमजे अकबर को सम्मान से देखते थे और अबकर के साथ काम करना उनकी हसरत पूरी होने जैसा था.
I began this piece with my MJ Akbar story. Never named him because he didn’t “do” anything. Lots of women have worse stories about this predator—maybe they’ll share. #ulti https://t.co/5jVU5WHHo7
— Priya Ramani (@priyaramani) October 8, 2018
नीचे पढ़ें, रमानी की लिखी अपबीती का पूरा ब्यौरा
ये तथ्य एम जे अकबर के बारे में लिखने से शुरू कर रही हूं. उनके बारे में बहुत सारी महिलाओं के बुरे अनुभव हैं. उम्मीद हैं वो भी इसे साझा करेंगी. आपने मुझे करियर में पहला पाठ पढ़ाया. मैं 23 की थी और आप 43 के. आप को पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी, प्रोफेशनली आप मेरे हीरो थे. सभी लोग कहते थे आपने देश की पत्रकारिता को बदल दिया है, इसलिए मैं आपकी टीम का हिस्सा बनना चाहती थी. आपने मुझे इंटरव्यू के लिए साउथ मुंबई के एक होटल में बुलाया. शाम के 7 बज रहे थे. होटल की लॉबी में पहुंचकर मैंने आपको फोन किया, आपने कहा आ जाओ. रूम में पहुंची तो वहां डेटिंग जैसा माहौल ज्यादा था, इंटरव्यू का कम. आपने अपने मिनी बार से मुझे ड्रिंक ऑफर किया, मैंने मना कर दिया. आपने वोदका ली, एक छोटे टेबल पर मैं और आप इंटरव्यू के लिए आमने-सामने थे. वहां से मुंबई का मरीन ड्राइव जिसे क्वींस नेकलेस कहते हैं, दिख रहा था. आपने कहा कितना रोमांटिक लग रहा है, आपने हिंदी फिल्म का पुराना गाना सुनाया और मुझसे संगीत पर मेरी रुचि के बारे में पूछने लगे. रात बढ़ती जा रही थी, मुझे घबराहट हो रही थी. कमरे में बिस्तर भी था, आपने कहा यहां आ जाओ, यहां बैठ जाओ, मैंने कहा नहीं मैं कुर्सी पर ही ठीक हूं. उस रात मैं किसी तरह बच गई, आपने मुझे काम दे दिया, मैंने कई महीने आपके साथ काम किया, लेकिन तय कर लिया कभी आपसे रूम में अकेले नहीं मिलूंगी. सालों बाद भी आप नहीं बदले . आपके यहां जो भी नई लड़की काम करने आती थी, आप उसपर अपना अधिकार समझते थे. आप उन्हें प्रभावित करने के लिए गंदी-गंदी तरकीबें अपनाते थे. उनसे कहते थे- मेरी तरफ देखो, पूछते थे क्या तुम्हारी शादी हो गई है, कंधा रगड़ते थे. आप भद्दे फोन कॉल और मैसेज करने में एक्सपर्ट हैं. आप जानते हैं कि कैसे चुटकी काटी जाए. थपथपाया जाए, जकड़ा जाए और हमला किया जाए, आपके खिलाफ बोलने की अब भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ज्यादातर युवा महिलाएं यह कीमत अदा नहीं कर सकतीं.
मीडिया तक पहुंचा #MeToo आपको बता दें कि #MeToo मूवमेंट के तहत ऐसे आरोपों के दायरे में मीडिया के भी कई लोग आ गए हैं जिनपर यौन शोषण के आरोप लगे हैं. इन आरोपों का सामना कर रहे नामों में अकबर अब तक का सबसे बड़ा नाम हैं. भारत में ये कैंपेन पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड अदाकारा तनुश्री दत्ता के उन आरोपों के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने दिग्गज बॉलीवुड स्टार नाना पाटेकर पर यौन शोषण के आरोप लगाए.
क्या है #MeToo
MeToo Movement: आजकल सोशल मीडिया पर #MeToo नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है. इसके जरिए महिलाएं अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटना के बारे में खुलकर बात कर रही हैं. सोशल मीडिया पर महिलाएं अपने बुरे अनुभवों को शेयर करते हुए बता रही हैं कि किस तरह से वर्क प्लेस पर पुरुषों ने उनका फायदा उठाया. शुरुआत में तो इस हैशटैग के जरिए मशहूर महिला कलाकारों ने अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटनाओं को शेयर किया, लेकिन अब इस मुहिम में आम महिलाएं भी अपने बुरे अनुभव शेयर कर रही हैं. फिल्म डायरेक्टर विकास बहल पर एक महिला की ओर से सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप लगाए जाने के बाद से भारत में इस मुहिम को काफी ज्यादा समर्थन मिल रहा है. हाल में, तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर के बीच के विवाद ने इस मुहिम को हवा दी थी.
इस मुहिम के शुरुआत के बाद अब धीरे-धीरे महिलाएं अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं. पहले वो किसी दबाव की वजह से कुछ भी कहने से बचती थीं, लेकिन अब वहीं महिलाएं खुलकर अपनी बातें #MeToo कैंपेन के तहत कह रही हैं. इस मुहिम की वजह से अब वो लोग डरने लगे हैं जिन्होंने कभी-भी किसी महिला के साथ गलत व्यवहार किया है. हालांकि, इस मुहिम से जस्टिस जैसी कोई बात तो नहीं हो रही है लेकिन कम-से-कम इससे समाज में ये संदेश तो मिल रहा है कि अब महिलाएं अब और यौन शोषण नहीं सहेंगी. अब कोई पुरुष वर्क प्लेस पर या कहीं भी अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके किसी महिला का फायदा उठाने से पहले दस बार सोचेगा. लेकिन #MeToo कोई ऐसा मामला नहीं है, जो पहली बार आया है, बल्कि इसकी शुरुआत हॉलीवुड से होती है.
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Source: IOCL























