Mehul Choksi Duplex: 7 साल से वीरान पड़े हैं मेहुल चोकसी के डुप्लेक्स, लाखों हो गया मेंटेनेंस और बिजली बिल, जानें ग्राउंड रिपोर्ट
Mehul Choksi Arrest : भारतीय बैंक को बड़ी चपत लगाने वाला हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी इस वक्त बेल्जियम की जेल में बंद है. भारतीय एजेंसियां उसका प्रत्यर्पण कराकर उसे भारत लाने की कोशिश में लगी हैं.

Mehul Choksi House Mumbai: पंजाब नेशनल बैंक को लगभग 13,850 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. भारत की केंद्रीय एजेंसियां यह कोशिश कर रही है कि मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण कर उसे भारत लाया जाए. दूसरी तरफ मुंबई में मेहुल चोकसी का आलीशान घर ED की ओर से अटैच किए जाने के बाद वीरान पड़ा है.
एबीपी न्यूज की टीम मुंबई के मलबार हिल स्थित गोकुल अपार्टमेंट्स के उस फ्लैट पर पहुंची, जहां एक समय मेहुल चोकसी और उसके परिवार का रुतबा था. गोकुल अपार्टमेंट की हाई प्रोफाइल इमारत में मेहुल चोकसी के 9वीं, 10वीं और 11वीं मंजिल पर तीन यूनिट्स हैं, जिसमें ऊपर के दो फ्लैट डुप्लेक्स फ्लैट टेरिस के साथ हैं. घर का दरवाजा एजेंसियों के नोटिस, समन, बकाया बिल, कोर्ट ऑर्डर के दस्तावेजों से पटा पड़ा है.
63 लाख रुपये का मेंटेनेंस चार्ज है बकाया
गोकुल अपार्टमेंट के सोसाइटी के सदस्य ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि मेहुल चोकसी ने पिछले सात सालों से मेंटेनेंस नहीं दिया है. मेहुल चोकसी ने अपने फ्लैट का करीब 63 लाख रुपये का मेंटेनेंस चार्ज नहीं चुकाया है. घर के दरवाजे पर पड़े बिजली के बिल की कॉपी से पता चलता है कि मार्च, 2025 तक 35,820 रुपये का बिजली बिल बकाया है.
अपार्टमेंट के सदस्य से जताई नाराजगी
गोकुल अपार्टमेंट के सोसाइटी के सदस्य ने मेहुल चोकसी पर नाराजगी जताते हुए एबीपी न्यूज से कहा, “मेहुल पर सात साल का मेंटेनेंस बकाया है. उनके पास तीन यूनिट्स हैं – 9वीं, 10वीं और 11वीं मंजिल. 11वीं मंजिल एक टैरेस है, जिसे उन्होंने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है.
बिना ब्याज के मेंटेनेंस बकाया करीब 63 लाख रुपये है. साल 2020 में हमारी कंडोमिनियम सोसायटी में रेनोवेशन का काम हुआ था, जिसकी लागत प्रति यूनिट 30-35 लाख रुपये थी. ऐसे में तीन यूनिट्स की कुल लागत करीब 95 लाख रुपये बनती है.
‘हमें भारतीय सरकार से है उम्मीद’
सोसायटी सदस्य ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया, “फ्लैट के अंदर बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं, जिनकी जड़ें बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल मजबूती को नुकसान पहुंचा सकती हैं. हमें बिना किसी गलती के मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. हमे भारत सरकार पर भरोसा है कि आरोपी को सजा मिलेगी और फ्लैट का मामला जल्द सुलझेगा. गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही इस संपत्ति को अटैच कर चुका है.
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Source: IOCL






















