जम्मू कश्मीर सरकार का फैसला, ईद पर 115 कैदियों को मिलेगी आजादी
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उन कैदियों को छोड़ने का आदेश दिया है जो संगीन अपराध में शामिल नहीं थे जिससे वे अपने परिवार के साथ ईद मना सकें.

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की महबूबा सरकार ने ईद पर राज्य की अलग अलग जेलों से 115 कैदियों को छोड़ने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उन कैदियों को छोड़ने का आदेश दिया है जो संगीन अपराध में शामिल नहीं थे जिससे वे अपने परिवार के साथ ईद मना सकें. आदेश के बाद संबंधित एजेंसियों ने उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए कैदियों को छोड़ने का फैसला किया.
रमजान में एकतरफा सीजफायर की अपली की थी महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले रमजान के महीने में केंद्र सरकार से राज्य में आतंकियों के खिलाफ एकतरफा सीज़ फायर की अपील की थी जिसे सरकार ने मान लिया था. सीज़फायर के दौरान आतंकियों की ओर से सुरक्षाबलों पर हमले जारी रहे. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने रमजान के बाद एक तरफा सीज़फायर को बढ़ाने का फैसला किया है.
कल पत्रकार पर हुआ था हमला जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में कल आतंकियों ने राइजिंग कश्मीर से संपादक शुजात बुखारी और उनके दो पीएसओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. शुजात को गोली उस वक्त मारी गई जब वो अपने दफ्तर के इफ्तार के जा रहे थे. आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा पर शुजात बुखारी की हत्या का शक है. पुलिस ने चार संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं.
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों पर शक सूत्रों के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने शुजात बुखारी की हत्या की है. जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले की निंदा की है. शुजात बुखारी के भाई सईद बसारत बुखारी महबूबा मुफ्ती के मंत्रिमंडल में हॉर्टिकल्चलर मंत्री हैं. आतंकियों को शह देने वाले पाकिस्तान ने भी बुखारी की हत्या पर दुख जताया है.
यह एक कायरता पूर्ण घटना: राजनाथ सिंह गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल शुजात बुखारी की हत्या के बाद ट्वीट किया, ''राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना हरकत है. यह कश्मीर की बौद्धिक आवाज को खत्म करने की कोशिश है. वह एक साहसिक और निडर पत्रकार थे. उनकी मौत से बेहद हैरान और दुखी हूं. बहादुर परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.''
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