ममता बनर्जी ने कहा- सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था, वह आज भी प्रासंगिक
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंति पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि नेताजी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं. एकजुट भारत के लिए लड़ना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था. ममता ने कहा कि नेता जी धर्मनिरपेक्ष और एकजुट भारत की खातिर लड़े. उन्होंने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की.
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ''नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 मई 1940 को झाड़ग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हिंदू महासभा की आलोचना की थी, ये विचार आज बहुत प्रासंगिक हैं.''
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee: Netaji Subhash Chandra Bose while addressing a public meeting in Jhargram on May 12, 1940, had criticized Hindu Mahasabha, these thoughts are very much relevant today pic.twitter.com/zRHCsQkWPK
— ANI (@ANI) January 23, 2020
ममता बनर्जी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने अपने संघर्ष के जरिए यह संदेश भेजा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए और एकजुट भारत के लिए लड़ना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था. वह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़े. लेकिन अब धर्मनिरपेक्षता का पालन करने वालों को बाहर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.’’ उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि नेताजी के लापता होने के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सरकार गंभीर नहीं है.
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ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने (केंद्र) केवल कुछ ही गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है. वास्तविकता में क्या हुआ था, यह पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. यह शर्मिंदगी की बात है कि 70 साल से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद हम यह नहीं जान पाए हैं कि उनके साथ क्या हुआ था.’’
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