मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार पर आया संकट टल गया है या फिर ये सिर्फ कुछ दिनों का 'युद्वविराम' है?
बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस सक्रिय हो गई है. कमलनाथ सरकार को संकट से उबारने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सामने आ गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षित है और साथ में एक सलाह भी दी है.

भोपाल: क्या मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर आया संकट टल गया है या फिर ये सिर्फ कुछ दिनों का युद्वविराम है? क्या नाराज विधायकों के साधने के लिए कमलनाथ को मंत्रिमंडल विस्तार करना होगा या सूबे की राजनीति में जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा? क्या विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी फिर आक्रामक होगी, ये वो सवाल हैं जो इन दिनों मध्य प्रदेश के सियासी गलियारे में घूम रहे हैं.
कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने लंबी योजना बनाई और कांग्रेस सहित बीएसपी के विधायकों को दिल्ली बुलाया. उनसे बातचीत हुई लेकिन इसकी खबर कमलनाथ सरकार को लग गयी. इसके बाद दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक फाइव स्टार होटल में हो-हल्ला हुआ. आरोप ये भी लगा कि कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक बेंगलुरू चले गए. बेंगलुरू से कांग्रेस के एक विधायक हरदीप डंग ने गुरूवार की रात अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को भेजा. इसके बाद रात में ही भोपाल के सीएम हाउस में बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी मुख्यमंत्री से मिले. ऐसा लगा कि वो भी कांग्रेस से हाथ मिलाएंगे लेकिन उन्होंने कहा कि वो अपने क्षेत्र की जनता की मांगों को लेकर सीएम से मिलने गये थे.
हांलाकि, बीजेपी ने इस पूरे एपीसोड से अपना पल्ला झाड़ा और इसे कांग्रेस के विधायकों का ही झगड़ा बताया. बीजेपी के विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि इस पूरे एपीसोड के मास्टर माइंड दिग्विजय सिंह ही हैं. ये बात वनमंत्री उमंग सिंगार ने भी कही है.
इस पूरे मामले में पर्दे के पीछे की कहानी ये है कि बीजेपी कनार्टक की तरह मध्य प्रदेश में भी 'ऑपरेशन लोटस' चलाना चाहती है और कमलनाथ की सरकार को हटाकर कमल की सरकार बनाना चाहती है. इसके लिए बीजेपी को अपने आलाकमान से हरी झंडी मिल गयी है. कांग्रेस के विधायकों का इस्तीफा दिलवाकर सदन में कांग्रेस की सरकार को अल्पमत में लाकर सरकार गिरानी ही है.
उधर, कांग्रेस भी बीजेपी के हमले के बाद सक्रिय हो गई है. कांग्रेस की नजर बीजेपी के विधायकों पर है. कमलनाथ सरकार को संकट से उबारने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सामने आ गए हैं. उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ सरकार सुरक्षित है. कुछ विधायक नाराज हैं और उन्हें मना लिया जाएगा. हांलाकि, दिग्विजय सिंह ने ये सुझाव दिया है कि अब राज्य सरकार को बजट सत्र के बाद मंत्रिमडल का विस्तार करना चाहिए.
कहा जा रहा है कि अब मध्य प्रदेश की राजनीति कुछ दिनों शांत रहेगी. बजट सत्र और राज्यसभा चुनाव के दौरान शह और मात का खेल फिर शुरू होगा. बीजेपी की प्लानिंग है कि कांग्रेस के विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवाई जाए. ऐसे में आने वाले समय में सूबे की राजनीति में सियासी घमासान होना तय है.
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