Lok Sabha Elections: 2024 में BJP-मोदी से INDIA कैसे लेगा लोहा? बिहार के साथ ये सूबे भी बता रहे कि विपक्षी गठजोड़ संग हो सकता है खेला
Lok Sabha Elections 2024: 'इंडिया' का लक्ष्य (बीजेपी-PM मोदी को 2024 में हराना) भले ही एक दिखता हो मगर विपक्षी गठबंधन की अंदरूनी कलह के चलते वह फिलहाल दुर्बल नजर आता है.
Lok Sabha Elections 2024: बिहार में हुए नाटकीय सियासी उलटफेर के साथ वहां विपक्षी गठजोड़ ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के साथ भी खेला होता दिखा है. रविवार (28 जनवरी, 2024) को महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के नाते न सिर्फ जेडी(यू) चीफ नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया बल्कि यह दावा भी किया कि ‘इंडिया’ गठजोड़ में भी स्थितियां ठीक नहीं हैं. उनकी पार्टी के सीनियर प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि बिहार में इंडिया की टूट के पीछे कांग्रेस जिम्मेदार है और कांग्रेसी सिर्फ खुद को मजबूत करने में लगे थे.
वैसे, बिहार के अलावा देश के कुछ और सूबे भी हैं जहां की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से संकेत मिले कि इंडिया गठबंधन की आगे की राह इतनी भी आसान नहीं है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोहा लेने के लिए बने विपक्षियों के इस अलायंस में कई नेताओं की महात्वाकांक्षाएं और अलग-अलग रणनीतियों के चलते आंतरिक कलह की कलई धीरे-धीरे खुलती दिखी है, जिसकी जड़ें कथित तौर पर जुलाई 2023 से विवादों के रूप में पनपने लगीं थीं. आइए, जानते हैं कि कौन-कौन से प्रदेशों में इंडिया ब्लॉक के लिए चीजें नासूर बन सकती हैं:
West Bengal में 'एकला चलो रे...' की राह पर ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ममता बनर्जी साफ कर चुकी हैं कि टीएमसी वहां सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. वह इसके अलावा सीट शेयरिंग समेत कुछ और मसलों को लेकर इंडिया ब्लॉक में आगे बात न बढ़ने को लेकर भी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं. टीएमसी की ओर से यह भी कहा गया कि उसने 210 दिन तक इंतजार (गठजोड़ की पहली बैठक 23 जून 2023 से लेकर) किया है. इतना ही नहीं, टीएमसी और कांग्रेस के बीच बंगाल में दरारें तब दिखीं जब कांग्रेस की न्याय यात्रा की वहां एंट्री होने वाली थी.
Assam में बातचीत यूं हो गई थी ठप
वहीं, नॉर्थ ईस्ट के असम में इंडिया ब्लॉक के तहत 15 दल आते हैं. हालांकि, बंगाल सीएम के कांग्रेस के साथ तनाव के बाद गठबंधन में वार्तालाप ठप हो गई थी. टीएमसी नेताओं ने सहयोगियों के साथ वाली राहुल की संयुक्त बैठक भी छोड़ दी थी और ऐसा तब हुआ था जब उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम से गुजरी थी.
Punjab में AAP ने दिखाया दम, बोले- अकेले ही काफी
उधर, आप शासित पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 24 जनवरी को ऐलान किया था कि उनका दल भी राज्य की सारी 13 लोकसभा सीटों पर अकेला चुनाव लड़ेगा, जबकि सूबे में कांग्रेस की इकाई ने गठबंधन का विरोध किया था. इस बीच, आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पार्टी हरियाणा में 90 विधानसभा सीट पर आप अकेले चुनावी ताल ठोंकेगी. वह सूबे की सिर्फ 10 सीटों पर इंडिया ब्लॉक के साथ अलायंस में रहेगी.
Kerala में क्या बनता नजर आया सियासी समीकरण?
दक्षिण भारतीय सूबे केरल में इंडिया ब्लॉक का सीमित खिंचाव दिखा. ऐसा शायद इसलिए भी हुआ क्योंकि वहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ (सूबे में यही प्रबल सियासी गठजोड़ है) में कथित पुरानी रंजिश है. बीजेपी इन दोनों में से किसी भी गठबंधन को फौरी चुनावी नुकसान पहुंचाते नहीं दिख रही इस लिहाज से इंडिया ब्लॉक का असर कम ही मालूम पड़ता है.
UP में SP अंदरखाने में उठती नजर आई थीं आवाजें
उत्तर प्रदेश में भी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) में कांग्रेस के कथित इत्मीनान वाले रवैये को लेकर आवाजें उठती नजर आईं. ऐसा बताया गया कि कांग्रेस ने 30 लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट उतारने पर चर्चा की और अखिलेश यादव के ऐलान (शुरुआती तौर पर 11 सीटें देने से जुड़े) पर उसे अभी जवाब देना है. इस बीच, जिस राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को सपा से सात सीटें मिली थीं, उसने भी गठबंधन के साझेदार से अधिक सीटों की मांग की है.
Maharshtra में हुई मीटिंग मगर न निकला कुछ हल!
महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग के मसले पर पिछले हफ्ते शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गुट की बैठक हुई थी लेकिन वह बेनतीजा साबित हुई. हालांकि, इस सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया था कि इंडिया के घटकों को एकजुट रखने के प्रयास फिलहाल जारी हैं. अगर लोकतंत्र को जीवित रखना है तो विपक्षियों को एकजुट होना होगा. उनके प्रयास इसी दिशा में हैं.
'INDIA' का अंतिम संस्कार हो चुका है- आचार्य प्रमोद
इस बीच, सोमवार (29 जनवरी, 2024) को कांग्रेस का समर्थन करने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इंडिया गठजोड़ की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा- यह अलायंस जब से बना है तब से ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गया. तरह-तरह के वायरस इसमें आ गया और फिर आईसीयू में आकर वेंटिलेटर पर चला गया और आगे नीतीश कुमार ने इसका पटना में अंतिम संस्कार कर दिया.