लोजपा ने वर्तमान हालात के मद्देनजर बिहार चुनाव स्थगित करने की मांग की लेकिन आरजेडी ने फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ा
चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से कोरोना महामारी के मद्देनजर बिहार में चुनाव को लेकर सुझाव मांगे थे. पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर 12 बिंदुओं में अपना जवाब भेजा है. पत्र में पार्टी ने लिखा है कि कोरोना महामारी बिहार और देश के अन्य भागों में विकराल रूप ले चुकी है.

लोक जनशक्ति पार्टी ने एक बार फिर चुनाव आयोग से अक्टूबर - नवम्बर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को स्थगित किए जाने की मांग की है. पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि मौजूदा हालात में राज्य में चुनाव करवाने से लोगों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है.
महामारी और फ़ैलने का ख़तरा
चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से कोरोना महामारी के मद्देनजर बिहार में चुनाव को लेकर सुझाव मांगे थे. पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर 12 बिंदुओं में अपना जवाब भेजा है. पत्र में पार्टी ने लिखा है कि कोरोना महामारी बिहार और देश के अन्य भागों में विकराल रूप ले चुकी है. पार्टी के मुताबिक़ कई विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर - नवम्बर में होने वाले चुनाव के दौरान महामारी का प्रकोप और बढ़ सकता है. पार्टी का कहना है कि ऐसी हालत में सबकी प्राथमिकता लोगों को महामारी से बचाने की होनी चाहिए.
बाढ़ का भी है ख़तरा
पार्टी ने अपने पत्र में बाढ़ का भी हवाला देते हुए लिखा है कि फ़िलहाल 38 में से 13 ज़िले पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं. इसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराना अत्यंत कठिन होगा. पार्टी ने लिखा है कि लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव ज़रूरी है लेकिन इसके लिए एक बड़ी आबादी को ख़तरे में डालना अनुचित है. पार्टी का कहना है कि हालात सुधरने पर चुनाव आयोग को फिर से समीक्षा कर चुनाव का फ़ैसला करना चाहिए.
आरजेडी ने बदला अपना पुराना स्टैंड ?
हालांकि राष्ट्रीय जनता दल ने आयोग को भेजे अपने जवाब में चुनाव स्थगित करवाने पर चुप्पी साध ली है. पार्टी ने अपने पत्र में कोरोना महामारी की स्थिति भयावह तो बताई है लेकिन चुनाव कराने या न कराने का फ़ैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है. अपने पत्र में पार्टी ने आयोग से ही सवाल पूछा है कि क्या आयोग बिहार में लोगों को संक्रमण से बचाने के अबतक के प्रयासों से संतुष्ट है ? पार्टी ने कहा है कि आयोग को अपना उत्तर सार्वजनिक तौर पर देना चाहिए. आरजेडी ने भी कहा है कि अक्टूबर - नवम्बर तक बिहार में कोरोना के 10 लाख से ज़्यादा मामले आने की संभावना है.
हालांकि पार्टी का ताज़ा रुख़ पुराने रुख़ से अलग है. पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने 10 जुलाई को ट्वीट करके कहा था कि लाशों के ढ़ेर पर चुनाव नहीं करवाया जा सकता और इसलिए चुनाव स्थगित होना चाहिए. इसके बाद बीजेपी और जेडीयू ने तेजस्वी यादव पर चुनाव में हार के डर से मैदान से भागने का आरोप लगाया था.
Source: IOCL





















