देश के बाकी राज्यों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं लगता राष्ट्रपति शासन?
भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और यह देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास अलग संविधान और नियम हैं. देश के अन्य राज्यों में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है.
नई दिल्ली: भारत के अन्य राज्यों में प्रदेश की सरकार के विफल रहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होता है लेकिन जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगाया जाता है. जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में छह माह के लिए राज्यपाल शासन लागू किया जाता है लेकिन ऐसा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही हो सकता है.
भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और यह देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास अलग संविधान और नियम हैं. देश के अन्य राज्यों में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है.
राज्यपाल शासन के अंतर्गत राज्य विधानसभा या तो निलंबित रहती है या उसे भंग कर दिया जाता है. अगर छह माह के भीतर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाती है तो इस व्यवस्था की मियाद को बढ़ाया जा सकता है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) की तीन साल तक चली सरकार गिर चुकी है. राज्य में अब राज्यपाल शासन लालू हो गया है. बीजेपी ने कहा है कि राज्य में बढ़ते कट्टरपंथ और आतंकवाद के चलते सरकार में बने रहना मुश्किल हो गया था.
राज्य में 1977 के बाद से आठवीं बार राज्यपाल शासन लगा है. कल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था. राज्यपाल शासन के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन से आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा है कि आंतकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा.
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