जब दुश्मन होंगे दो कदम आगे, तब भारत चलाएगा 'सुदर्शन चक्र'; एयर मार्शल ने बताईं खूबियां
वायु रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ को लेकर भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा कि ये वायु रक्षा प्रणालियों की जननी होगी, जो दुश्मन को करारा जवाब देगी.

भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को कहा कि भारत की प्रस्तावित वायु रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ सभी वायु रक्षा प्रणालियों की जननी होगी और इसमें ड्रोन-रोधी, यूएवी-रोधी और हाइपरसोनिक-रोधी प्रणालियां शामिल होंगी.
यहां 'यूएवी-रोधी और वायु रक्षा प्रणालियां: आधुनिक युद्ध का भविष्य' विषय पर आयोजित सम्मेलन में अपने संबोधन में, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख (सीआईएससी) एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने यह भी कहा कि दुश्मन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से सबक सीखा है और इसलिए सैन्य सोच और योजना में हमें उनसे दो कदम आगे रहना होगा.
सस्ते ड्रोनों ने महंगी सैन्य संपत्तियों को किया नुकसान
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, रक्षा उद्योग की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया. एयर मार्शल दीक्षित ने हाल में हुए अजरबैजान-आर्मेनिया संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इस बात का उल्लेख किया कि कैसे अपेक्षाकृत सस्ते ड्रोनों ने दूसरे पक्ष की महंगी सैन्य संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
सैन्य अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एक ‘नवाचार अनुकूलन चक्र’ बनाया है और भारतीय उद्योग, थिंक-टैंक और शिक्षाविदों का काम ‘दो कदम आगे’ सोचना होना चाहिए, ताकि वे प्रतिद्वंद्वी से आगे निकल सकें, क्योंकि यह ‘शतरंज के खेल’ जैसा है. उन्होंने रक्षा उद्योग जगत से आग्रह किया कि 'मेक इन इंडिया' की तरह, आपको 'थिंक इन इंडिया' शुरू करना होगा और विचार उत्पन्न करने होंगे.
#WATCH | Delhi | Conference on 'Counter UAVs & Air Defence Systems-The Future of Modern Warfare, Chief of Integrated Defence Staff to The Chairman Chiefs of Staff Committee, Air Marshal Ashutosh Dixit says, " PHDCII has said there will be more than 10,000 drones in the next 5-6… pic.twitter.com/D6CpToiFrf
— ANI (@ANI) September 23, 2025
अगली बार दुश्मन से होगी करारी जंग
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि कुछ ड्रोन जिन्हें हमने पकड़ा था, वे अत्याधुनिक थे, जिनमें एआई, दृश्य साधनों का उपयोग किया गया था और अगर हम उनके जीपीएस को जाम भी कर देते तो भी वे कहीं नजदीक पहुंचने में सक्षम थे. उन्होंने कहा, ‘वे भी काम कर रहे हैं और बेहतर होते जा रहे हैं, इसलिए हमें एक कदम आगे बढ़ना होगा.’
हालांकि, एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि ऐसा लगता है कि हमारी ड्रोन-रोधी और जीपीएस-जैमिंग प्रणाली ने अच्छा काम किया है, क्योंकि इन ड्रोनों से होने वाला नुकसान लगभग शून्य रहा है. उन्होंने कहा कि यह ‘ड्रोन-रोधी सफलता की कहानी’ है, लेकिन दुर्भाग्य से, अगली बार यही बात दोहराई नहीं जा सकती, दूसरे पक्ष की प्रणाली भी मजबूत होगी, क्योंकि उन्हें भी हमारी क्षमताओं के बारे में पता चल गया है.
‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणालियों की जननी
अपने संबोधन में, एयर मार्शल दीक्षित ने भारत की परिकल्पित वायु रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ का भी उल्लेख किया और कहा कि यह कुछ हथियार प्रणालियों के साथ मिलकर सभी वायु रक्षा प्रणालियों की जननी होगी.
उन्होंने कहा, ‘हम अभी भी विचार-विमर्श के चरण में हैं, लेकिन ड्रोन-रोधी, यूएवी-रोधी हाइपरसोनिक-रोधी, इस तरह की सभी चीजें, और कुछ अन्य चीजें भी, जिनके बारे में बात नहीं की जा सकती, उन सभी को मिलाकर ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ है.' कार्यक्रम से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में एयर मार्शल ने कहा, ‘यह विचार के चरण में है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि यह सर्वव्यापी होगा.’
10 वर्षीय परियोजना की घोषणा
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने अगस्त में तीनों सेनाओं के एक सेमिनार में अपने संबोधन में कहा था कि प्रस्तावित वायु रक्षा प्रणाली ‘ढाल और तलवार’ की तरह काम करेगी और यह इजराइल की आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली की तर्ज पर काम करेगी, जिसे एक बेहद प्रभावी मिसाइल कवच के रूप में जाना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में इस संबंध में 10 वर्षीय परियोजना की घोषणा की थी.
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Source: IOCL





















