FBI के मॉडल पर भारत ने शुरू की पहली सीरियल क्राइम रिसर्च यूनिट ‘परियोजना रुद्र’, अपराध विज्ञान में साबित होगा मील का पत्थर
India Project Rudra: इस मॉडल पर आधारित शोध कार्य का नेतृत्व अथर्व पंकज देशपांडे और उनकी टीम कर रही है, जिनका शोध पत्र ‘जर्नल ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन साइंस एंड लॉ’ में प्रकाशन के लिए स्वीकृत हो चुका है.

India Serial Crime Research Unit Rudra: भारत में पहली बार FBI की एलीट सीरियल क्राइम यूनिट की कार्यप्रणाली को आधार बनाकर "रुद्र" नाम की परियोजना शुरू की गई है. इस पहल का उद्देश्य भारत में जघन्य अपराधों और सीरियल किलिंग जैसे मामलों में दोषी ठहराए गए अपराधियों के मनोविज्ञान, व्यवहार और पूछताछ प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण करना है.
इस अत्याधुनिक मॉडल पर आधारित शोध कार्य का नेतृत्व अथर्व पंकज देशपांडे और उनकी टीम कर रही है, जिनका शोध पत्र प्रतिष्ठित ‘जर्नल ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन साइंस एंड लॉ’ में प्रकाशन के लिए स्वीकृत हो चुका है. टीम ने नागपुर और अमरावती की केंद्रीय जेलों में बंद अपराधियों से बातचीत कर उनके मानसिक पैटर्न, अपराध की प्रेरणाएं और पुनर्वास की संभावनाओं पर विस्तृत अध्ययन किया.
‘रुद्र’ अपराध विज्ञान में भारत की नई पहचान
परियोजना ‘रुद्र’ (Research Unit for Detecting and Resolving Deviance in Offenders) भारत में अपराध विज्ञान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने जा रही है. इसका ढांचा और अनुसंधान पद्धति सीधे अमेरिका की FBI की ओर से विकसित सीरियल क्राइम प्रोफाइलिंग यूनिट से प्रेरित है, जो विश्व स्तर पर अपराधियों की मानसिकता समझने के लिए जानी जाती है.
परियोजना रुद्र के क्या होंगे उद्देश्य?
- जघन्य अपराधों की जांच में नई दिशा प्रदान करना
- अपराधियों के पुनर्वास के व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं की पड़ताल करना
- भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब ले जाना
राज्य शासन की आधिकारिक स्वीकृति
इस परियोजना की उपयोगिता और महत्व को देखते हुए, राज्य सरकार ने 7 मई, 2025 को इसे अगले 10 वर्षों के लिए सभी राज्य जेलों में लागू करने की औपचारिक स्वीकृति प्रदान की है. इस आदेश के अंतर्गत,
- अथर्व देशपांडे और उनकी टीम को सभी जेल परिसरों में शोध कार्य के लिए विशेष प्रवेश पहचान पत्र जारी किए जाएंगे
- जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे अनुसंधान कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान करें
- यह परियोजना राज्य की सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और अपराध नियंत्रण नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
भारत अपराध रोकने के साथ उन्हें समझने और हल करने की दिशा में अग्रसर
"रुद्र"- जब मनोविज्ञान और फोरेंसिक विज्ञान मिलकर अपराध की जड़ों तक पहुंचते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका की एजेंसी एफबीआई के सिद्ध मॉडलों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में ढालकर, यह पहल न केवल अनुसंधान को नया आयाम देती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि भारत अब अपराधों को केवल रोकने की नहीं, बल्कि समझने और हल करने की दिशा में भी अग्रसर है.
Source: IOCL





















