India Independence Day: भारत का बंटवारा करने वालों को कैसे मिली मौत? किसी का हुआ कत्ल, कोई....
Happy Independence Day 2025: मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान बनाने का आइडिया देने वाले रहमत अली ने ही उन्हें बाद में गद्दार कह दिया. अपने अंतिम समय में दोनों के ही हालात बद से बदतर हो गए थे.

आजादी से बहुत पहले ही देश के विभाजन का मसौदा तैयार हो गया था. 1940 में मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताव रखा था. सर सिरिल रेडक्लिफ ने बंटवारे की लकीर खींची थी. भारत का बंटवारा कराने में शामिल लोगों में कोई निमोनिया से मरा और कोई टीबी से. इसके अलावा किसी की मौत ब्लास्ट से हुई तो किसी को दफनाने तक के लिए चंदा जुटाना पड़ा था.
‘मुस्लिम अगेंस्ट द मुस्लिम लीग क्रिटिक्स ऑफ द आइडिया ऑफ पाकिस्तान’ नाम की किताब में बताया गया है कि जिन्ना के पाकिस्तान से रहमत अली खुश नहीं थे. इंग्लैंड की सारी संपत्ति बेचकर वो 6 अप्रैल 1948 को पाकिस्तान आए और जिन्ना के खिलाफ ही बयान देने लगे. एक दिन रहमत ने जिन्ना को गद्दार कह दिया, जिसके बाद उन्हें वापस इंग्लैंड जाने का फरमान सुना दिया गया. 3 फरवरी, 1949 को उनकी मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें कैम्ब्रिज के न्यू मार्केट रोड स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया और इसके लिए भी चंदा जुटाना पड़ा था.
जिन्ना की कैसे हुई मौत ?
मोहम्मद अली जिन्ना बंटवारे के पहले से ही टीबी से ग्रस्त थे. बंटवारे के एक साल बाद उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई. डॉक्टरों ने जांच की तो निमोनिया की बीमारी पाई गई. क्वेटा में इलाज के बाद उनको कराची लाया गया, जहां से फिर एयरपोर्ट से उनको एंबुलेंस से ले जाया गया. एंबुलेंस 4 किलोमीटर चलने के बाद ही रुक गई. बताया गया कि पेट्रोल खत्म हो गया है. जिन्ना की हालत इतनी खराब थी कि मक्खियां भिनभिना रही थीं. घंटे भर बाद उनको गवर्नर हाउस लाया गया. 11 सितंबर 1948 को उनकी यहीं मौत हो गई.
ब्लास्ट में लॉर्ड माउंटबेटन और उनके परिवार के उड़ गए चिथड़े
लॉर्ड माउंटबेटन 27 अगस्त 1979 को परिवार के साथ आयरलैंड के काउंटी स्लिगो में छुट्टी बिताने गए थे, जहां एक नाव में उनके साथ उनकी बेटी-दामाद के अलावा बेटी की सास और बेटी के जुड़वां बच्चे निकोलस और टिमोथी मौजूद थे. उस दौरान अचानक नाव में ब्लास्ट हुआ और सबके चिथड़े उड़ गए. बताया जाता है कि उनकी हत्या के पीछे आयरिश रिपब्लिकन आर्मी का हाथ था, जो आयरलैंड में उनके ऑपरेशन से नाराज थी.
लियाकत अली की हत्या
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली 16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी के ईस्ट इंडिया कंपनी गार्डन में मुस्लिम सिटी लीग की मीटिंग में पहुंचे थे. भाषण शुरू ही हुआ था कि पठानी सूट और पगड़ी बांधे युवक ने रिवॉल्वर से गोलियां मारकर हत्या कर दी. मृतक अफगानिस्तान का रहने वाला सईद अकबर था.
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Source: IOCL























