हैदराबाद एनकाउंटर: SC में वकील ने कहा- आरोपियों ने पुलिसवालों का हथियार छीनकर फायर किया, CJI बोले- जांच होने दीजिए
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल तीन याचिकाओं में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और उसकी हत्या के चार आरोपियों के एनकाउंटर को संदिग्ध बताया गया है. कल चीफ जस्टिस ने प्रस्ताव देते हुए कहा था कि एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे.
नई दिल्ली: हैदराबाद में गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर की जांच की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने तेलंगाना सरकारी की ओर से पैरवी कर रहे वकील मुकुल रोहतगी से कई सवाल किए. मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने पुलिसवालों का हथियार छीनकर फायर किया था. इसलिए पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस दौरान दो पुलिसवाले भी घायल हो गए.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल तीन याचिकाओं में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और उसकी हत्या के चार आरोपियों के एनकाउंटर को संदिग्ध बताया गया है. कल चीफ जस्टिस ने प्रस्ताव देते हुए कहा था कि एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. मामले से जुड़े पक्षों को आज जांच करने वाले पूर्व जज के नाम पर सुझाव देना है.
जानें आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या सवाल किए और वकील ने क्या जवाब दिए?
वकील मुकुल रोहतगी- आरोपियों ने पुलिस की पिस्टल छीन कर फायर किया. तब पुलिस को गोली चलानी पड़ी.
CJI- कोई पुलिस वाला घायल नहीं हुआ?
वकील रोहतगी- 2 हुए
CJI- गोली से?
वकील रोहतगी- नहीं पत्थर से. हर आरोपी के पास पिस्टल नहीं थी.
CJI - हमारा मत है कि आप जांच होने दीजिए. वहां सारी बातें आप रख सकते हैं.
वकील रोहतगी- PUCL केस में फैसला था कि दूसरे थाने की टीम जांच करेगी. एनकाउंटर टीम के अफसर से ऊंचे रैंक का अफसर जांच टीम का अध्यक्ष होगा. हमने इस आधार पर SIT बनाई है.
CJI- हेड कौन है?
वकील रोहतगी- कमिश्नर रैंक के अधिकारी.
CJI- क्या आप उनपर मुकदमा चलाएंगे. अगर हां तो हमारे आदेश देने जैसा कुछ नहीं है. अगर आप उनको निर्दोष मानते हैं, मुकदमा नहीं चलाएंगे तो फिर हमें जांच से मत रोकिए. लोगों को सच जानने का हक है.
वकील रोहतगी- हम चीजें कोर्ट में रखेंगे. जज तय करेगा.
CJI- मतलब आप अपनी तरफ से मांग नहीं करेंगे.
वकील रोहतगी- पुलिस की FIR के हिसाब से आत्मरक्षा में गोली चलाई.
CJI- मतलब पुलिस की जान को खतरा था?
CJI- हमें नहीं लगता कि यह मुकदमा कभी चलेगा. कोई गवाह सामने लाया जाएगा. कोई बयान देगा. आप खुल कर क्यों नहीं कहते. जो मारे गए हैं उनका वकील कौन होगा? पुलिस के गवाहों से सवाल कौन करेगा. यह मुकदमा होगा या मज़ाक?
वकील रोहतगी- अगर आप किसी को नियुक्त करें तो NHRC और HC की कार्रवाई रोक दें. हम कहां-कहां जवाब दें. इस बीच याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने मारे गए आरोपियों के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की.
CJI- हम जांच करवा रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि उन लोगों पर जो आरोप थे, उनसे हमने आंख बंद कर ली है. लोगों को सच जानने का हक है.