अमित शाह ने कहा- NPR के डेटा का इस्तेमाल NRC में नहीं होगा, पढ़ें 10 बड़ी बातें
सीएए-एनआरसी पर जारी बहस के बीच मोदी कैबिनेट ने एपीआर को लेकर फैसला लिया है. एनपीआर कवायद अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़ कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी.

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि NPR का NRC से कोई लेना देना नहीं है. कांग्रेस, सीपीआईएम और असदुद्दीन ओवैसी का दावा है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ जोड़ रही है, जबकि यूपीए सरकार के समय में ऐसा नहीं किया गया था. अब इन्हीं दावों को लेकर गृह मंत्री ने विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर अपनी बात रखी. पढ़ें 10 बड़ी बातें-
1. NPR-NRC में कोई संबंध नहीं: गृहमंत्री ने कहा, ''NPR को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये शंका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग NRC बनाने के लिए होगा, इसका कोई लेना-देना नहीं है. कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.''
2. NPR और दस्तावेज: अमित शाह ने कहा, ''जनगणना के जुड़े जब लोग आएंगे तो उन्हें आपको सिर्फ जानकारी देनी होगी. कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी. जो जानकारी आप देंगे, उसका सरकार रजिस्टर बनाएगी. जो जानकारी मिलेगी, उससे देश के विकास का खाका तैयार होगा'' उन्होंने कहा, ''जनगणना के साथ ही एनपीआर होगा. एनपीआर में घर के साइज, पशुओं की जानकारी जैसी कुछ नई जानकारी मांगी गई है. जिसके आधार पर राष्ट्र की सारी योजनाओं का खाका बनता है. ऐसे सर्वे पहले न हुए होते तो हम गरीबों के घर गैस कनेक्शन न पहुंचा पाते. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो गरीबों का नुकसान कर रहे हैं.''
3. CAA: अमित शाह ने कहा, ''नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए लोगों को नागरिकता देने का कानून है. ये भारत में रह रहे किसी भी व्यक्ति की नागरिकता लेने का कानून नहीं है. कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया गया जिसके कारण हिंसा हुई.''
4. पीएम मोदी के बयान और NRC: अमित शाह ने एनआरसी को लेकर कहा, ''पूरे भारत में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है.'' अमित शाह ने कहा, ''पार्टी के घोषणापत्र में एनआरसी है. जब एनआरसी आएगा तो छिपकर नहीं आएगा. अभी एनआरसी पर काम नहीं हो रहा है.''
5. पीएम मोदी ने क्या कहा? पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि एनआरसी को लेकर कोई बात नहीं हुई है. हालांकि विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रिया में अमित शाह के पुराने बयानों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एनआरसी पूरे देश में लागू करने की बात कही थी.
6. असदुद्दीन ओवैसी के बयान: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना पर अमित शाह ने कहा, ''अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि सूर्य पश्चिम से उगता है. फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून का NPR से कोई लेना-देना नहीं है.'' ओवैसी ने दावा किया है कि एनपीआर एनआरसी की तरफ ही एक कदम है.
7. राज्यों से अपील: अमित शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एनपीआर के लिए मना करने पर कहा, ''मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें. सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें.''
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8. शांति के प्रयास: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के दौरान हुई हिंसा को लेकर अमित शाह ने कहा, ''शांति बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने जो प्रयास करने होते हैं, वो सार्वजनिक नहीं होते. राज्यों के संवाद करने होते हैं, वो सभी प्रयास किए गए हैं और देश में अब शांति है. जैसे सीएए के लिए भ्रांति फैलाई गई थी, वैसी भ्रांति एनपीआर में नहीं फैलानी चाहिए.''
9. डिटेंशन सेंटर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक रैली में दावा किया था कि डिटेंशन सेंटर को लेकर विपक्षी दलों के नेता झूठ बोल रहे हैं. जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के पुराने बयान और अन्य रिपोर्ट का हवाला देकर दावा किया कि देश में कई जगह डिटेंशन सेंटर बन चुके हैं. इस पूरे मसले पर अमित शाह ने कहा, ''इस देश का एक कानून है. कोई भी अवैध नागरिक पकड़ा जाता है तो उसे पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है. डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है. कोई माइग्रेंट जो बाहर से आया है वह पकड़ा जाता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और उसे संबंधित देश में भेजा जाता है.''
10. असम में है एक डिटेंशन सेंटर: गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि असम में जिन 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी में नहीं आया तो उन्हें तो डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा गया. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि असम में एक डिटेंशन सेंटर बना है. मेरे हिसाब से एक ही है. मोदी सरकार के आने के बाद डिटेंशन सेंटर नहीं बना है. डिटेंशन सेंटर का एनआरसी-सीएए से कोई संबंध नहीं है.
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