अखबार और मोबाइल के जरिए आंदोलन की पल-पल की खबरों से जुड़ रहे हैं सड़कों पर बैठे किसान
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हो रही थी लेकिन इस दौरान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर मौजूद किसान सोशल मीडिया और मोबाइल पर आ रही खबरों के जरिए बातचीत में क्या कुछ चल रहा है उसकी जानकारी भी हासिल कर रहे थे.

नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आठवां दिन और आठवें दिन भी किसानों का उत्साह में कहीं कोई कमी नहीं दिखी. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर तो अलग-अलग खाप पंचायतें भी किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए पहुंच गई हैं. इस दौरान आंदोलन में शामिल किसान अखबार और मोबाइल के जरिए सरकार और किसानों के बीच में क्या बातचीत हो रही है और दिल्ली समेत अलग-अलग जगहों पर किसान आंदोलन की क्या तस्वीर है उस बारे में जानकारी ले रहे हैं.
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हो रही थी लेकिन इस दौरान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर मौजूद किसान सोशल मीडिया और मोबाइल पर आ रही खबरों के जरिए बातचीत में क्या कुछ चल रहा है उसकी जानकारी भी हासिल कर रहे थे. किसानों का कहना था कि उनके प्रतिनिधि बैठक में क्या कुछ हुआ यह तो आ कर बताएंगे कि लेकिन जब तक यह बैठक चल रही है और वे यहां नहीं आ सकते तब तक इस माध्यम से वो पल-पल की जानकारी हासिल कर रहे है.
दिल्ली की टिकरी बॉर्डर पर डटे किसान पिछले 8 दिनों से लगातार सड़कों पर है और किसान नेताओं द्वारा जो जानकारी उनको दी जा रही है उसके आधार पर अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं. लेकिन सबके बीच बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जो इस बारे में भी जानकारी हासिल कर रहे हैं कि आखिर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जो किसान आंदोलन चल रहा है उसका क्या हाल है और सरकार इस आंदोलन को खत्म करवाने के लिए किस दिशा में आगे बढ़ रही है. यह सब जानकारी हासिल करने के लिए किसान अखबारों और सोशल मीडिया के साथ ही मोबाइल पर ही अलग-अलग माध्यम से खबरों को देखकर जानकारी हासिल कर रहे हैं.
किसान आंदोलन में शामिल किसानों का कहना है कि वो फिलहाल अपने घर तो जा नहीं रहे और उनके किसान नेता उनके सामने आकर बातें भी रख रहे हैं. लेकिन फिर भी बाकी जगहों पर किसान आंदोलन की क्या तस्वीरें है और क्या कुछ हो रहा है, यह जानकारी हासिल करना भी जरूरी है और इसके लिए अखबारों और मोबाइल पर मिलने वाली खबरों से उनको मदद मिलती है.
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Source: IOCL
























