किसान नेताओं ने कहा-26 जनवरी पर शांतिपूर्ण होगी ट्रैक्टर रैली, राजपथ पर गणतंत्र दिवस के परेड में कोई बाधा नहीं पहुंचाएंगे
योगेंद्र यादव ने कहा कि राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में किसी तरह की कोई बाधा नहीं डाली जाएगी. किसी इमारत या राष्ट्रीय स्मारक पर कब्जे या हमला करना का काम बिल्कुल नहीं होगा.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन को 53 दिन हो चुके हैं और अब गणतन्त्र दिवस समारोह भी नज़दीक आ रहा है. ऐसे में किसानों द्वारा आज यह एलान कर दिया गया है कि 26 जनवरी को दिल्ली के अंदर किसान परेड निकल कर रहेगी. किसान नेता शिव कुमार कक्का जी, योगेंद्र यादव समेत अन्य किसान नेताओं ने एकमत से यह कहा कि किसान परेड पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी और यह हमारा हक है. किसान नेताओं ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की याचिका की सुनवाई से ठीक एक दिन कही है. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट किसान परेड को रोकने के लिए कहती है तो भी किसान परेड निकाली जाएगी.
50 किलोमीटर लंबी होगी किसान परेड
संयुक्त किसान आंदोलन के नेता शिव कुमार कक्का जी ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह मनाने का अधिकार इस देश के हर नागरिक को है. देश का जवान जब परेड में शामिल हो सकता है तो किसान को भी उतना ही अधिकार है. जवान भी किसान का ही बेटा है और किसान इस देश का अन्न दाता है. इसी वजह से हमने यह निर्णय लिया है कि हम लोग किसान परेड अवश्य निकलेंगे, जो पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी. कोई भी किसी भी तरह के हथियार लेकर शामिल नहीं होगा. किसी तरह की कोई भी गलत नारेबाजी नहीं की जाएगी. ट्रैक्टर पर सिर्फ तिरंगा झंडा और किसान संगठन का झंडा लगाने की अनुमति रहेगी. किसी भी राजनीतिक दल का कोई झंडा नहीं लगेगा.
पुलिस को हमारी परेड को रोकना नहीं चाहिए
कक्का जी कहा कि दिल्ली पुलिस को हमारी किसान परेड को रोकना नहीं चाहिये. हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से यह परेड निकालेंगे. सिर्फ आउटर रिंगरोड पर. देश के हर नागरिक को यह मौलिक अधिकार है कि गणतंत्र दिवस समारोह मनाए. इसी अधिकार के चलते हम यह परेड निकालेंगे.
पुलिस अपने काम को सुप्रीम कोर्ट पर डाल रही है
दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में किसान ट्रैक्टर परेड पर रोक लगाने के लिए याचिका लगाई है, उससे स्पष्ट है कि दिल्ली पुलिस अपने काम को करने में सक्षम नहीं है. अगर हमारी ट्रैक्टर परेड को रोकना है तो खुद क्यों नहीं रोकती या खुद क्यों नहीं हमें हटाती, सुप्रीम कोर्ट को बीच में लाकर अपना काम सर्वोच्च न्यायालय से क्यों करवाना चाहती है?
डेढ़ लाख ट्रैक्टर होंगे किसान परेड में शामिल
शिव कुमार कक्का ने कहा कि एक अंदाजा लगाया जाए तो 26 जनवरी को होने जा रही किसान परेड में लगभग डेढ़ लाख ट्रैक्टर शामिल होंगे और लगभग 3 लाख से ज्यादा लोग. संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है. हमारे वालंटियर्स इस पूरी परेड को व्यवस्थित करने का काम करेंगे. झांकियां भी होंगी, जो देश के हर राज्य की होगी.
किसी भी राष्ट्रीय स्मारक, संसद या राष्ट्रीय इमारत पर कब्जा नहीं करेंगे किसान
योगेंद्र यादव का कहना है कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन की परेड दिल्ली के अंदर होगी. जवान के साथ साथ किसान भी गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाएगा. परेड आउटर रिंग रोड की परिक्रमा करेगी. लगभग 50 किलोमीटर. हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली और हरियाणा पुलिस कोई बाधा नहीं डालेगी. परेड पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगी. राजपथ पर होने वाली गणतन्त्र दिवस परेड में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं डाला जाएगा. किसी राष्ट्रीय स्मारक या इमारत पर किसी तरह के कब्जे, हमले करने का काम बिल्कुल नहीं होगा.
इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के बाहर के लोग जो दिल्ली नहीं पहुंच सकते, वे अपने राज्य की राजधानी या जिला कलेक्टरेट पर परेड निकालेंगे. कल सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई है. अजीब है कि पुलिस खुद न बोल कर सुप्रीम कोर्ट से कह रही है कि किसानों को मना करो. साथ ही यह भी कहा कि वैसे तो सुप्रीम कोर्ट किसान परेड के लिए मना नहीं करेगी लेकिन अगर मना करती है तो भी परेड निकाली जाएगी, जिसके लिए कल की सुनवाई के बाद विचार विमर्श किया जाएगा.
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