1000 किलो का बम, 100 किमी की रेंज... बालाकोट एयर स्ट्राइक के 'गौरव' से कांपेंगे भारत के दुश्मन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बम 'गौरव' के सफल परीक्षण के लिए DRDO, IAF और इंडस्ट्री को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 'गौरव' के विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में और वृद्धि होगी.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सुखोई फाइटर जेट Su-30 से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) 'गौरव' के रिलीज ट्रायल सफलतापूर्वक आयोजित किए. इन परीक्षणों के दौरान, हथियार को विभिन्न युद्धक कॉन्फिग्रेशन में कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया, जिसका लक्ष्य एक द्वीप पर था. परीक्षणों ने 100 किमी की दूरी तक सटीकता के साथ सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया.
गौरव बम की विशेषताएं
गौरव बम का वजन 1,000 किग्रा वर्ग है. इसे रिसर्च सेंटर इमेरत, आयुध अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान और एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर की तरफ से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है. अत्यधिक सटीक हाइब्रिड नेविगेशन योजना के साथ INS और GPS डेटा का संयोजन किया गया है. क्षमता की बात करें तो लंबी दूरी के लक्ष्यों को सटीकता के साथ भेदने में सक्षम है गौरव बम.
इसका परीक्षण (8-10 अप्रैल, 2025) को Su-30 MKI विमान से किया गया. गौरव बम का 100 किमी की दूरी तक सटीकता के साथ सफलतापूर्वक प्रदर्शन रहा. अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज मिलकर इसका निर्माण करेंगे.
राजनाथ सिंह ने 'गौरव' के सफल परीक्षण के लिए DRDO और IAF को दी बधाई
रक्षा मंत्री के कार्यालय की तरफ से एक्स पर पोस्ट कर कहा गया कि डीआरडीओ इंडिया ने 8-10 अप्रैल 2025 के दौरान SU-30 MKI से लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) 'गौरव' के सफल परीक्षण किए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'गौरव' के सफल विकास परीक्षणों के लिए DRDO, IAF और इंडस्ट्री को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 'गौरव' के विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में और वृद्धि होगी.
The @DRDO_India has successfully conducted the Release Trials of Long Range Glide Bomb (LRGB) ‘Gaurav’ during 8-10 April 2025 from the SU-30 MKI.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) April 11, 2025
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh complimented DRDO, IAF and industry for successful development trials of the Long Range Glide Bomb… pic.twitter.com/RHBtLHzsfg
इन परीक्षणों से भारतीय वायु सेना में इस हथियार को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के वक्त भारतीय वायुसेना के पास ऐसा कोई ग्लाइड बम नहीं था. ऐसे में इजरायल के स्पाइस-2000 बम भारतीय वायुसेना के मिराज फाइटर जेट से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर गिराए गए थे.
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Source: IOCL






















