दिल्ली हिंसा: क्राइम ब्रांच को मिली 5000 से ज्यादा फोटो-वीडियो लेकिन नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुजरात की FSL की टीम को बुलाया गया है जिसने आज दंगों की जगहों का दौरा किया. गुजरात से आई टीम खासतौर से वीडियो फुटेज पर काम करने के लिए आई है.

नई दिल्ली: 26 जनवरी को हुई हिंसा के 9 मामलों की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच बड़ी तेजी से कर रही है लेकिन लाल किला मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. क्राइम ब्रांच अब तक 50 से ज्यादा लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज चुकी है, जिसमें तमाम किसान नेता भी शामिल है.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुजरात की FSL की टीम को बुलाया गया है जिसने आज दंगों की जगहों का दौरा किया. इन्होंने लाल किला, ITO, गाजीपुर और नांगलोई का दौरान किया. गुजरात से आई टीम खासतौर से वीडियो फुटेज पर काम करने के लिए आई है. इस टीम को इस काम में महारत हासिल है. ये टीम वीडियो की जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक पब्लिक के जरिए अभी तक हिंसा के दौरान की 5000 से ज्यादा वीडियो और फोटो पुलिस को सौंपी गई है, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है और आरोपियों की पहचान की जा रही है. इन तमाम फुटेज से आरोपियों के चेहरे निकालने के लिए यानी उनकी पहचान के लिए नेशनल फॉरेंसिक लैब, गुजरात से 2 टीम दिल्ली पहुंच चुकी हैं. इनका काम वीडियो एनालिसिस करना है. ये टीम उन वीडियो में से फोटो बनाएगी, फिर दिल्ली पुलिस उन्हें face recognition system में डाल कर देखेगी कि ये कोई क्रिमिनल (या फिर खालिस्तानी ग्रुप से जुड़ा व्यक्ति) तो नहीं था. अगर क्रिमिनल निकला तो उसका अलग से ट्रीटमेंट होगा यानी कड़ी धारा लगाई जाएगी और जो किसान शामिल हुए उन पर भी कार्रवाई होगी.
सीसीटीवी फुटेज
किसान जिन रास्तों से होते हुए लाल किले और आईटीओ पर पहुंचे थे, उन रास्तों पर लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा करने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा वीडियो फुटेज में और सीसीटीवी फुटेज में जिन ट्रैक्टर्स के नंबर साफ नजर आ रहे हैं उनके एड्रेस लाइसेंस अथॉरिटी से लेकर उन सभी को नोटिस भेजा जा रहा है. मोबाइल फॉरेंसिक टीम कई मौकों का जहां हिंसा हुई वहां का दौरा कर चुकी हैं, जिनमें गाजीपुर, नांगलोई, NH10, नजफगढ़-नांगलोई रोड और लाल किला शामिल हैं. वहां से टायर मार्क के सैंपल उठाए जा रहे हैं. सरकारी संपत्ति और लाल किले में की गई टूट-फुट की फोटोग्राफी करना, फिंगर प्रिंट इक्क्ठा करना आदि का काम चल रहा है.
उपद्रव में शामिल लोगों की गिरफ्तारी से पहले पुलिस उनकी लोकेशन पुख्ता कर लेना चाहती है ताकि कोई निर्दोष न पकड़ा जाए. जिसके लिए घटना के वक्त मोबाइल लोकेशन, किसी वीडियो में उसका फोटो, किस वाहन से वो घटनास्थल पर गया, वो कहां का रहने वाला है कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है, इसकी जांच की जाएगी. हर मौके का जहां उपद्रव हुआ, वहां पर जो मोबाइल एक्टिव थे, उनका डंप डेटा ले रहे हैं, जिसको लेकर मोबाइल एक्सपर्ट की टीम भी दिल्ली पुलिस ने हायर की है. हजारों नंबर की डिटेल है. उनमें से वो नंबर निकाले जा रहे हैं जो पहली बार घटनास्थल पर गया, वही सस्पेक्ट है. उनको बुलाकर पूछताछ होगी.
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