'कोरोना उत्पत्ति का पता लगाए भारत, कसूरवार को मिले सजा', संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश की स्वास्थ्य रिपोर्ट
संसदीय समिति ने कहा कि अभी तक कोरोना वायरस की उत्पत्ति का कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला है. इसके लिए रिसर्च करने की जरूरत है.

Origin Of Covid 19: स्वास्थ्य संबंधी संसदीय समिति ने राज्यसभा में सोमवार को एक रिपोर्ट पेश करते हुए केंद्र सरकार से सिफारिश की है. ताकि वह दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर कोविड-19 की उत्पत्ति की पहचान कर सके और अधिक से अधिक अध्ययन करें. इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसे कड़ी सजा देने का काम करें.
समिति ने ‘‘टीके का विकास, वितरण, प्रबंधन एवं कोविड-19 का न्यूनीकरण’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोई ठोस सबूत नही मिलने के कारण अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि कोरोना वायरस किसी प्रयोगशाला में बनी है या किसी और घटना के कारण मनुष्यों तक पहुंची.
रिपोर्ट में क्या कहा गया है ?
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का मानना है कि अगर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को एक रहस्य बना रहने दिया गया, तो इसका दुनिया की जैव सुरक्षा तथा जैवसंरक्षा पर अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा. इसलिए, समिति सरकार से इस बात की दृढ़ता से सिफारिश करती है कि वह राष्ट्रों के समुदाय से कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के मकसद से और अधिक अध्ययन करने तथा इसके लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दंडित करने की अपील करने के लिए अपनी कूटनीति पर विचार करे.’’
स्वास्थ्य ढांचा विकसित करें
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार सामने आ रहे विभिन्न वायरस की बढ़ती संख्या ने संक्रमण की उत्पत्ति की व्यवस्थित जांच के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. इस रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि स्वास्थ्य मंत्रालय भविष्य में किसी भी बीमारी के फैलने पर इसकी अधिक प्रभावी जांच और प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए देश में एक स्वास्थ्य देखभाल ढांचा विकसित करे.
समिति ने कहा, ‘‘समिति का दृढ़ विश्वास है कि इस संबंध में (नीति आयोग के सदस्य) डॉ. वी के पॉल के नेतृत्व में हाल में गठित कार्य बल मंकीपॉक्स की स्थिति पर नजर रखेगा और इस खतरे से निपटने एवं देश में नैदानिक सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार का मार्गदर्शन करेगा.’’समिति ने इस बात को रेखांकित किया कि देश में कोविड-19 के कुल मामलों की उच्च संख्या को देखते हुए उन नमूनों की संख्या कम है, जिनका अनुक्रमण किया जा रहा है.
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