भारत में चीनी दूतावास ने कहा - कोरोना वायरस की जानकारी छिपाने के आरोप बेबुनियाद, मीडिया पर जताई आपत्ति
चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रांग का दावा, शुरूआत से साझा की जा रही है हर जानकारी. बोले 3 जनवरी से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरे देशों को लगातार अपडेट कर रहे हैं.

नई दिल्ली : चीन ने एक बार फिर कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने और इसे लेकर अहम जानकारियां छिपाने के आरोपों को खारिज कर दिया. इतना ही नहीं चीन ने कोरोना वायरस को लेकर मीडिया में उठाए जा रहे इन सवालों पर भी आपत्ति जताई है. भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रांग ने दावा किया कि चीन ने शुरुआत से इस वायरस को लेकर सारी जानकारियां दुनिया के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि लिहाज़ा मीडिया के द्वारा चीन पर सवाल खड़े करना बिल्कुल गलत है.
चीनी दूतावास के प्रवक्ता रांग ने ब्यौरा देते हुए कहा कि पहली दफा जब इस वायरस से प्रभावित 3 रोगियों कि जानकारी चीन के हुबेई के एक डाक्टर ने दी थी. तबसे ही तुरंत चीन ने इसकी जांच शुरू कर दी थी. यही नहीं 30 दिसंबर को वुहान म्युनिसिपल हेल्थ कमेटी ने इसे लेकर अर्जेन्ट नोटिस भी जारी कर दिया था.
दूतावास की तरफ से ये भी दावा किया गया कि इसके बाद चीन ने 31 दिसंबर को नेशनल हेल्थ कमीशन ने एक्सपर्ट्स की एक टीम को भी वुहान भेजा और 3 जनवरी से ही चीन ने इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरे देशों को लगातार अपडेट भेजने शुरू कर दिए थे.
उन्होंने बताया कि 11 जनवरी को चाइनीज सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन ने इस वायरस संबंधित 5 Genome Sequences अपलोड किए. सारी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनिया के साझा की गई. वहीं 23 जनवरी को पूरे वुहान शहर को लॉकडाउन कर दिया गया.
चीनी दूतावास ने इन सभी आधार पर कहा कि मीडिया द्वारा चीन पर जानकारियां छुपाने का आरोप पूरी तरह गलत है. क्योंकि चीन ने कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी जानकारी कभी नहीं छिपाई है. चीन ने माना कि इस वायरस कि शुरुआत वुहान शहर से ही हुई. मगर ये कैसे हुआ और इसके पीछे वजह क्या है ये अभी तक पता नहीं चल सका है.
चीन ने कहा कि ये वक्त एक दूसरे को बेवजह दोषी ठहराने का नहीं बल्कि साथ मिल कर इस वायरस का मुकाबला करने का है. चीन भारत समेत विश्व समुदाय के साथ मिलकर इस वायरस का मुकाबला करने के लिए कटिबद्ध है.
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Source: IOCL






















