क्या लद्दाख में 10 हजार सैनिकों को हटाकर ड्रैगन भारत को देना चाहता है धोखा?
चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई के तौर पर करीब इतनी ही तादाद में जवानों की तैनाती के साथ भारी संख्या में हथियारों को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास तैनात किया गया है.

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई के महीने से भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. इधर, बीजिंग की तरफ से 10 हजार जवानों को एलएसी से वापस बुलाने का दावा किया है. यह रिपोर्ट हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीन की सेना के सूत्रों के हवाले से दी है.
इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कड़ाके की ठंड के चलते लड़ाई की संभावना कम होने की वजह से एलएसी पर भारत से लगती सीमाओं के नजदीक विवादित स्थलों पर तैनात जवानों को चीन ने हटाया है. इसमें यह कहा गया है कि सभी चीनी जवानों को सेना की गाड़ियों में भेजा गया है ताकि भारत की तरफ से उन्हें साफ देखा जा सके और इसकी पुष्टि की जा सके. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने आगे बताया है कि इन सभी जवानों को कम समय के लिए शिंजियांग और तिब्बत सैन्य क्षेत्र में तैनात किया गया था.
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 5 मई को हुई झड़प के बाद से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. गलवान हिंसा के बाद दोनों के बीच संबंध और बिगड़ गया जब पिछले कई दशकों में पहली बार चीन-भारत सीमा पर जवानों की जान गई. चीन ने एलएसी पर करीब 60 हजार जवानों को तैनात किया हुआ है. इसके साथ ही, उसने भारी संख्या में हथियार और मिसाइलों की तैनाती कर रखी है.
दूसरी तरफ, चीन के इस आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत की तरफ से भी इसकी जवाबी कार्रवाई के तौर पर करीब इतनी ही तादाद में जवानों की तैनाती के साथ भारी संख्या में हथियारों को तैनात किया गया है.
हालांकि, जानकार चीन की तरफ से सेना की वापसी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि चीनी अखबर के दस हजार जवानों को हटाने के दावे की स्वतंत्र पुष्टि करने का कोई तरीका नहीं है. लेकिन अगर इतने बड़े स्तर पर सैनिकों को चीन ने हटाया है तो सैटेलाइट इमेज या संचार उपकरणों की मदद से उसे ट्रैक किया जा सकता था. ऐसे मे जानकार इसे चीन की एक चाल बता रहे हैं.
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Source: IOCL























