चिदंबरम बोले, राम मंदिर विश्वास का और सबरीमला प्रथा का मामला
पी चिदंबरम ने कहा राम मंदिर ‘विश्वास’ का और सबरीमला ‘प्रथा’ का मामला है और दोनों को मिलाना नहीं चाहिए. चिदंबरम ने कहा कि बीते चार साल देश के लिए किसी त्रासदी से कम नही हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि राम मंदिर ‘विश्वास’ का और सबरीमला ‘प्रथा’ का मामला है और दोनों को मिलाना नहीं चाहिए. चिदंबरम ने यह टिप्पणी अपनी किताब ‘अनडॉटेड: सेविंग द आइडिया ऑफ इंडिया’ किताब के विमोचन के दौरान कही.
यह किताब पिछले साल प्रकाशित हुए उनके आलेखों का संग्रह है जिसका विमोचन नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में हुआ.
पूर्व वित्त मंत्री ने सबरीमला और राम मंदिर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ राम मंदिर प्रथा का मामला नहीं है. यह विश्वास का मामला है. जबकि सबरीमला एक प्रथा है जो कि आधुनिक संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है.'
चिदंबरम ने कहा कि बीते चार साल देश के लिए किसी त्रासदी से कम नही हैं. हर ओर तानाशाही नज़र आ रही है. बीते चार सालों में किसानों के साथ इतना बुरा बर्ताव हुआ है, जिसकी भरपायी कभी नहीं की जा सकती है.
चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी की छवि साफ तौर पर मुस्लिम और अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी की तरह बन चुकी है. इसका प्रमाण इनकी जिला, राज्य और केंद्रीय संगठन के स्तर पर देखने को मिलता है, जहां अल्पसंख्यको का प्रतिनिधित्व न के बराबर है. उन्होंने कांग्रेस को शुद्ध तौर पर सेकुलर पार्टी बताया.
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