West Bengal: क्या पश्चिम बंगाल सरकार ने चुनाव के लिए किया मिड-डे मील फंड का इस्तेमाल? केंद्र ने राज्य से मांगी रिपोर्ट
Mid-Day Meal: पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले में मिड-डे मील के लिए निर्धारित फंड के इस्तेमाल में वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है, रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. केंद्र ने राज्य से रिपोर्ट मांगी है.

West Bengal Mid-Day Meal: पश्चिम बंगाल में मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयम में वित्तीय गड़बड़ियों को चिन्हित करते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से एक रिपोर्ट तलब की है. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को एक पत्र लिखा है.
शिक्षा मंत्रालय की ओर शुक्रवार (7 जुलाई) को राज्य सरकार को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना के लिए निर्धारित धनराशि का इस्तेमाल एक अलग उद्देश्य के लिए किया जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि एक निष्क्रिय बैंक खाते का इस्तेमाल राज्य चुनावों के लिए फंड ट्रांसफर में किया गया.
मिड-डे मील के लिए निर्धारित फंड के इस्तेमाल में गड़बड़ी की आशंका
सूत्रों ने बताया, ''मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार से एक रिपोर्ट तलब की है. मुझे पश्चिम बर्धमान में निर्दिष्ट बैंक खाते से मिड-डे मील कार्यक्रम की खाता ट्रांसफर ट्रांसक्रिप्ट की कॉपी का उल्लेख करने का निर्देश दिया गया. फंड ट्रांसफर को देखने से पता चलता है कि पीएम पोषण के तहत मिड-डे मील के लिए निर्धारित धनराशि का इस्तेमाल एक अलग उद्देश्य के लिए किया जा रहा है.''
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, राज्य के अधिकारियों की ओर से व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराए गए कागजात से पता चलता है कि राज्य चुनावों के लिए फंड ट्रांसफर करने के लिए एक निष्क्रिय बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया.
मिड-डे मील फंड में क्या गड़बड़ी पाई गई?
पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में कहा गया, ''अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जाने से इस बात पर सहमति जताई जा सकती है कि यह वित्तीय प्रबंधन के सिद्धांतों के उलट है.'' पत्र में गंभीर वित्तीय विसंगतियों पर एक डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री पोषण निधि के वितरण के लिए बने एकल नोडल खाते (SNA) में 4,174 करोड़ रुपये की अस्पष्ट शेष राशि शामिल है.
शिक्षा मंत्रालय ने पत्र में क्या कहा?
शिक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि 2022 में 31 मार्च को सिंगल नोडल अकाउंट में कुल धनराशि 1542.17 करोड़ रुपये थी, जबकि 2023-24 में राज्य के खजाने ने इस खाते में केवल 387.35 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. 4 जुलाई 2023 तक सिंगल नोडल अकाउंट में 4,174.28 करोड़ रुपये की एक बड़ी और अस्पष्ट शेष राशि थी. यह स्पष्ट नहीं है कि एसएनए खाते में शेष राशि 1542.17 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,174.28 करोड़ रुपये कैसे हो गई, जबकि राज्य सरकार ने जनवरी 2022 में प्रमाणित किया कि सभी कार्यान्वयन एजेंसियों के बैंक खाते में उपलब्ध संपूर्ण अप्रयुक्त राशि एकल नोडल खाते में ट्रांसफर कर दी गई है.
शिक्षा मंत्रालय ने राज्य विभाग से कहा है कि जब से खाता निष्क्रिय हुआ है तब से खाते की ट्रांसक्रिप्ट की जांच करें और खुद को संतुष्ट करें कि तथ्यों की कोई गलत गणना नहीं हुई है. इसमें यह भी कहा गया कि यह केवल एक जिले का उदाहरण है और अन्य जिलों में भी इसी तरह के बैंक खाते मौजूद हो सकते हैं, जिसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं.
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Source: IOCL























